उत्तर भारत की सूफ़ी रिवायत में बसंत का त्यौहार मनाया जाता
रहा है. इस मौके पर अमीर ख़ुसरो और निज़ामुद्दीन औलिया से जुड़ी एक गाथा को याद किया
जाता है. ‘ख़याल दर्पण’ जैसी शानदार डॉक्यूमेंट्री बना चुके यूसुफ़ सईद ने आठ सौ से अधिक सालों से जारी इस परम्परा को
भी अपनी एक छोटी फिल्म में पिरोया है. देखने लायक -
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