चुप न रहने की गहन जिम्मेदारी साहित्य को अपने कंधे पर बखूबी उठानी पड़ती है | जब समय असहमत हो तो कुछ कह पाना भी या कहे तो कुछ कह पाने का साहस दिखाना भी बड़ी बात है | इस छोटी गहन सारपूर्ण कविता के लिए साधुवाद |
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चुप न रहने की गहन जिम्मेदारी साहित्य को अपने कंधे पर बखूबी उठानी पड़ती है | जब समय असहमत हो तो कुछ कह पाना भी या कहे तो कुछ कह पाने का साहस दिखाना भी बड़ी बात है | इस छोटी गहन सारपूर्ण कविता के लिए साधुवाद |
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