Sunday, July 16, 2017

एक हाथ में मक्कारी है एक हाथ कन्दील

ईसा की जो खाल बेच दें उन्हें मिली इन्जील
- संजय चतुर्वेदी

आतंकी हैं परगतिसील
ज़िनाकार-हत्यारे-तस्कर सभी हुए जिबरील

वामन्थ से हाल मिल गया
मालपन्थ से माल मिल गया
कलापन्थ में अख़बारों में
उनको सुघड़ दलाल मिल गया
एक हाथ में मक्कारी है एक हाथ कन्दील

बड़े शहर का ये आलम है
हर दल्ला साहिब-ए-हशम है
हम नंगे तो घोर जहालत
वो नंगे तो कलाकरम है
उनको जो नंगा बोले उसकी निगाह अश्लील

कल्चर के जो मालबटोरा
सरमाए के रिशवतख़ोरा
उन्हें खुली ’आज़ादी’ इसकी
कर कुकर्म सम्मान-चटोरा
हर ज़लील हरक़त के हक़ में उनके पास दलील

पाँच सितारा अपरम्पारा
लगा उसी में लाल सितारा
जिसको फ़ौजें हरा न पाईं
उसे चरकटों ने दे मारा

ईसा की जो खाल बेच दें उन्हें मिली इन्जील.

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