उस्मान हम्दी बे |
तुर्की
के महान चित्रकार उस्मान हम्दी बे (कुस्तुनतुनिया 1842-1910) एक राजनयिक, चित्रकार और कला-विशेषज्ञ थे. ओटोमन
साम्राज्य के समय पुरातात्विक खोजों के सम्बन्ध में जितने भी क़ानून बनाए गए वे सब
उस्मान के बनाए हुए हैं. उन्होंने सुनिश्चित किया कि पुरानी कलात्मक धरोहरों को
स्मगलिंग से बचाया जा सके.
एक
कलाकार के रूप में उनकी ख्याति उनके जीवनकाल में ही फैल गयी थी. वे आकृति-आधारित कम्पोजीशंस
और पोर्ट्रेट्स बनाने में महारत रखते थे. शानदार वास्तुशिल्पीय विवरण उनकी कला की
ख़ूबी हैं. अपने अनेक चित्रों में वे स्वयं ही मुख्य भूमिका में नज़र आते हैं. वे
विभिन्न पोशाकों में खिंचाए गए अपने फ़ोटोग्राफ्स को इस्तेमाल किया करते थे. आज
तुर्की के तकरीबन हर बड़े संग्रहालय में उनके चित्र संग्रहीत हैं.
प्रस्तुत
की जा रही उनकी पेन्टिंग का शीर्षक है - द टॉर्टॉइज़ ट्रेनर. इसे 1906-07 में तैयार
किया गया था. वर्ष 2004 में यह पैंतीस लाख डॉलर में बिकी थी और वर्तमान में
इस्तांबुल के पेरा संग्रहालय में प्रदर्शित है.
इस
चित्र में उस्मान हम्दी बे ने ओटोमन सामाज्य के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया की बेहद
धीमी रफ़्तार पर गहरा व्यंग्य किया है. चित्र में पारम्परिक धार्मिक पोशाक पहने एक
उम्रदराज़ व्यक्ति दिखाया गया है जो तुर्की की पारंपरिक बांसुरी ने की मदद से
कछुवों को प्रशिक्षित कर रहा है.
उस्मान
हम्दी बे ने इस चित्र को तब बनाया था जब ओटोमन साम्राज्य विकट सामाजिक और राजनैतिक
हलचलों से गुज़र रहा था. सुलतान अबूहामिद द्वितीय द्वारा शुरू किये गए पुनर्निर्माण
कार्यक्रम अप्रभावी साबित हो रहे थे जिसके कारण तुर्की के भीतर चल रहे राष्ट्रवादी
आन्दोलन और विदेशी शक्तियां मिलकर ओटोमन साम्राज्य को कमज़ोर कर रहे थे. पहले
विश्वयुद्ध के बाद साम्राज्य का इन्हीं के मध्य बंटवारा भी हुआ.
हालांकि
इस चित्र की महत्ता को उस समय समझा नहीं गया लेकिन 1908 की युवा तुर्क क्रान्ति के
बाद के वर्षों में इसकी ख्याति बढ़ती चली गयी और अब इसे तुर्की के महानतम क्लासिक्स
में गिना जाता है.
द टॉर्टॉइज़ ट्रेनर/ The Tortoise Trainer |
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