Thursday, December 14, 2017

किसके गले में डाल दँ ये आदिवासी बाहें


खिड़की
- इब्बार रब्बी

उसकी खिड़की पर
लोहे की सलाख को
पहली बार
लपेटा
अँखुए ने

ओह! बेल
यह क्या किया!
नवजात
गंधाते
मृणाल को
तूने लपेटा सलाख से

किसके गले में डाल दँ
ये आदिवासी बाहें!


[1967]