Monday, March 17, 2008

समयांतर के ताज़ा अंक में प्रियदर्शन के मुँह से निकलते थूक का ज़िक्र


एनडीटीवी के प्रियदर्शन ने पुस्तक मेले के दौरान जो कार्यक्रम किये उनके बारे में समयांतर की राय है कि वे पिटे-पिटाए और रस्मी थे. सहारा समय पर पंकज के कार्यक्रमों की तारीफ़ की गई गई है जबकि प्रियदर्शन की आवाज़ और उनके होंठों के कोनों से आती झाग का भी ज़िक्र है.

4 comments:

siddheshwar singh said...

इरफ़ान दद्दा,
देखा-पढा
संदर्भ पकड्ड नहीं पा रहा हू या कि मेरी बुद्धि...?
खैर

शिरीष कुमार मौर्य said...

सिद्धेश्वर भाई याने कि जवाहिर चा वाला हाल ही मेरा भी है इरफान भाई।

प्रस्थान : विशेष said...

दो एंकरों का तुलनात्मक अध्ययन !
क्या बात है इरफान जी !

इरफ़ान said...

मित्रो आप लोग समयांतर न पढकर जो सुख प्राप्त कर रहे हैं, मैं उससे वंचित हूँ. तुलनात्मक अध्ययन पर तो कई हिंदी-आलेख हैं...आपने भी पढे होंगे!