Saturday, April 19, 2008
वेस्ट इंडीज़ के ड्रम और हरिप्रसाद चौरसिया जी की बांसुरी का संगम
पंडित हरिप्रसाद चौरसिया ने सन २००२ में कैरिबियाई संगीतकारों के साथ मिलकर एक अलबम तैयार की थी. इस अलबम में कुल बारह कम्पोज़ीशन्स हैं. उन्हीं में से तीन आप की सेवा में प्रस्तुत हैं. पहली का नाम है 'सॉन्ग टू ओचूम'. ओचूम कैरिबियन्स (खा़सतौर पर क्यूबा) और दक्षिण अमेरिका (विशेषतः ब्राज़ील) में पूजी जाने वाली ईसाई धर्म की वर्जिन मैरी के समतुल्य एक देवी. हल्की नीली आंखों वाली यह देवी प्रेम, सौन्दर्य और संपन्नता लाती है. इस देवी के थान में बीन्स और प्याज़ चढ़ाए जाने की परम्परा है.
दूसरी है 'ऑन द वे टू ला हाबाना'. स्पानी भाषा में क्यूबा की राजधानी हवाना को ला हाबाना कहा जाता है.
तीसरी का शीर्षक है 'सॉन्ग टू कामा'. जिस तरह अंग्रेज़ी में योग को 'योगा', धर्म को 'धार्मा' और ईश्वर को 'ईश्वरा' कहे जाने का फ़ैशन है. यहां 'कामा' से अभिप्राय काम से है. संस्कृत वाला काम.
इन सभी में भारतीय बांसुरी के साथ बजते कैरिबियाई ड्रम काफ़ी अलग क़िस्म का प्रभाव पैदा करते हैं
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
6 comments:
बोफ्फाईन सैप!
आपका शुक्रिया इस बेहतरीन प्रस्तुति के लिए।
आ.. हा.. हा.. आज दिन भर की थकान ..... छू ....- परमोत्तम कबाड़ - मनीष
Hello. This post is likeable, and your blog is very interesting, congratulations :-). I will add in my blogroll =). If ossible gives a last there on my blog, it is about the Aparelho de DVD, I hope you enjoy. The address is http://aparelho-dvd.blogspot.com. A hug.
क्या बात है!! बहुत ही उम्दा पहली बार सुना शुक्रिया मित्र
बढिया..
Post a Comment