Tuesday, July 15, 2008

ये देश है वीर जवानों का उर्फ़ भुस भरने का नवीनतम फ़ॉर्मूला

अ स द ज़ै दी
अ स द जै दी
अ स द जी दी
अ स द जी दो
अ स द जो शी
अ स द जो थी
अ स द जो था
अ स द जो सो
अ स द सो सो
आ स व ही दो
ई स प की पो
मः गः पः सः हः
प म ग स र
ब ज ज़ फ फ़
ट ट ट ट ट
टः टः टः टः टः
ठ ठ ठ ठ ठ
ऊं ऊं ऊं ऊं ऊं
छ छ छ छ छ
छा छा छा छा छा
छी छी छी छी छी
थ थ थ थ थ
थू थू थू थू थू
थू थू थू थू थू
थू थू थू थू थू
मैं मैं मैं मैं मैं
मैं मैं मैं मैं मैं
तू तू तू तू तू
मैं मैं मैं मैं मैं
मैं मैं मैं मैं मैं
मैं मैं मैं मैं मैं
मैं मैं मैं मैं मैं
मैं मैं मैं मैं मैं
मैं मैं मैं मैं मैं
मैं मैं मैं मैं मैं
मैं मैं मैं मैं मैं
मैं मैं मैं मैं मैं
मैं मैं मैं मैं मैं

म्याऊं
भौं
पौं
चीं ...

(अपनी योग्यतानुसार फ़ॉर्मूले को बढ़ा-घटा सकते हैं. इस गणित में यह सहूलियत है. कोई नियम-कानून नहीं. कोई फ़िक्स्ड फ़ॉर्मूला नहीं. न कोई मास्टर, न कोई इस्कूल. सब फ़िरी-फ़ोकट. जल्दी चालू हों.)

... ऐसी भी कुछ विशेषज्ञों की सलाह है कि प्रश्न हल हो जाने पर (या न होने पर भी) अपने दोनों हाथों को हवा में उठा कर धीमा भांगड़ा नाचते हुए निम्न पंक्तियों को बारम्बार गाया जाए.

"इस देश का यारो ... होए!!!
इस देश का यारो ... हुर्र ...!!!

इस देश का यारो ... होए!!!
इस देश का यारो ... हुर्र !!!

इस देश का यारो ... होए!!!
इस देश का यारो ... हुर्र !!!"

10 comments:

Sunder Chand Thakur said...

बाह बेटे जे मारा पापड़ वाले को... इस पूरी बहस का जे ही सबसे अकलमंद जवाब है। मेरी ओर से इत्ता और जोड़ दे - "पूं...पूं...पूं...पूं फां...फां...फां...फां... असद ठां! ठां! ठां! ठां!

Unknown said...

चां चां टा टा
थी थी थू थू
.....
.....

वाह क्या बात है. आप ने तो बहस में चार चांद लगा दिये.

Priyankar said...

जे तौ फ़ार्मूलाबद्ध समकालीन काव्य-समीक्षा के नए यगण,मगण,तगण,रगण,जगण,भगण पर टिप्पणी दीखै .

विजयशंकर चतुर्वेदी said...

इस देश का यारो ...गुर्रर्र!

क वि अ स द
शा य र अ स द
बा त आ खि र क क क हाँ हाँ फ स द ???

ह म ला व र हैं
पू रे चु ग द!

ह द है, हा है ह द!

इस देश का यारो ... पुर्रर्र!!!

वर्षा said...

सही है

शिरीष कुमार मौर्य said...

यार
ये
तो
नागार्जुन
की
मंत्र
कविता
का
जेनेरेशन
नेक्स्ट
दिक्खे
मुझे !

शुरूआत



जै
दी
से
बहुत
बढ़िया !

anurag vats said...

umeed karta hun ki aapki is rachna ko we samjh-boojh bhi rahe honge...

Arun Arora said...

हुर्र
हुर्र
मो


ला

हुर्र र्र र र

मुनीश ( munish ) said...

ye sab ...ye sab kya ho ra hai ?

अंगूठा छाप said...

...kya baat hai jji!


achha turn diya behes ko...