Saturday, October 4, 2008

ऐसा लगता है



ऐसा लगता है

अन्ना अख़्मातोवा

ऐसा लगता है जैसे कभी नहीं सुनाई देगी
आदमी की आवाज़ इस जगह.
बस प्रस्तरयुगीन हवा
दस्तक दे रही है काले द्वारों पर

ऐसा लगता है
मानो आसमान के नीचे बस मेरा ही स्वास्थ्य रहा है ठीक,
शायद इसीलिये, सब से पहले मैंने चाहा,
वह ख़तरनाक शराब पी जाना!



(फ़ोटो: ऊपर- सेन्ट पीटर्सबर्ग में अन्ना का स्मारक, नीचे - अन्ना की कब्र)

2 comments:

Udan Tashtari said...

बहुत उम्दा प्रस्तुति!!

Vineeta Yashsavi said...

Achhi kavita aur pictures hai...