Sunday, June 7, 2009

दिल्ली के एक ऑटो का फ़रमान माडरन लड़कियों के नाम

ज़रा देखिये किस क्रियेटिव अदा से इन आटोचालक महोदय ने अपनी खीझ और गुस्से को अभिव्यक्ति दी है.


41 comments:

गगन शर्मा, कुछ अलग सा said...

सही है, जो है उसे कहने की हिम्मत भी रखो ना!

ravishndtv said...

वाह, क्या बात है, आटो के भीतर भी बदलता हुआ समाज झलकता है। आटो वाले बेहतर जानते हैं।
किनारे लगे पर्दे बारिश से बचने के लिए, दिन में अंधेरा करने के लिए अधिक होते हैं। समाज में निजी पलों के लिए कम होती जगहों के कारण आटो बेहतर विकल्प बना है। कई प्रेमी कुछ घंटे तक आटो में घूमते रहते हैं। शायद उन्हीं अनुभवों से निकली होगी ये पंक्ति।

अनूप शुक्ल said...

सही है।

गिरिजेश राव, Girijesh Rao said...

शर्मो लिहाज का ध्यान रखने की चेतावनी है ये । भला अपने भाई के साथ बैठ कर बाला इश्क कैसे लड़ा सकती है? लेकिन 'भैया' संबोधन का विकल्प क्या हो?
'ऑटो वाले' ?
अच्छा नहीं लगता, कुछ और सुझाइए !

Anonymous said...

three people hve commented before me
2 belive that bhaiyaa is for the boy friend and third believes bhayiaa is for the auto driver

words change meaning when spoken out of context

and सही है, जो है उसे कहने की हिम्मत भी रखो ना! do boyfriends have that himmat that they can tell the girl dont call me bhaiya

रंजन (Ranjan) said...

सही है.. बेचारा ड्राइबर काहे कन्फ्युज़ हो..

परमजीत सिहँ बाली said...

अपने अनुभव के आधार पर लिख दिया होगा।.....लगता तो ऐसा ही है।

मुनीश ( munish ) said...

I do appreciate his sense of dignity.I think any gentleman would object to be called bhayya amidst incessant barrage of 'chumma-chaati' visible in the rear view mirror.

Anil Pusadkar said...

समाज मे चल रही गड़बड़ पर आटो वाले की पैनी नज़र को खूब पकड़ा आपने।

Rangnath Singh said...

great wit !!
nt less than any bernard shaw

नितिन | Nitin Vyas said...

बढ़िया!!

Sundip Kumar Singh said...

क्या बात है...आटोचालक होकर भी रचनात्मकता छलक रही है. कहते हैं न कि कमल कीचड़ में ही खिलता है.

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद said...

एक कहावत है....आप ने सुनी ही होगी...
‘दिन को भैया रात को सैंया’:)

siddheshwar singh said...

जे तो बड़ी अच्छी फोटू लगाई अशोक भैया !

PD said...

mast photo hai.. :)

Rangnath Singh said...

कुछ लोगों की प्रतिक्रियाएं देख यह स्पष्ट करना जरूरी हो गया है कि इस कमेंट में ड्राइवर ने खुद को भैया कहने पर एतराज जताया है। कोई भाई अपनी आटो में पीछली सीट पर बहन को उसके ब्वाॅयफ्रेण्ड के संग बैठा कर घुमाने में खुद को असमर्थ पाएगा। क्यांेकि संभवतः जिस संदर्भ में ड्राइवर ने यह बात लिखी है उसमें मामला सिर्फ भारत भ्रमण का नहीं है !!
आखिरकार ड्राइवर की निजता और गरिमा का सम्मान करने का थोड़ा फर्ज तो उन बहनों का भी बनता है।

Dipti said...

bahut hi behtareen...

मुनीश ( munish ) said...

..and i can't understand as to why people don't simply buy rs.5/- each ticket to planetarium near teen murti chowk. there are star and planet shows of 25 min. each duration in a pitch dark audi. nice & fully reclining seats and nobody to bother . itz definitely a more respectable way of executing things for which people harass the poor autowallah!

Rangnath Singh said...

grt advice Munish ji !!
bt alas !, nt every body hv luck to be with MOON beneath planets n stars !!!

Anonymous said...

ऑटोचालक को आज के लोगों की नज़र में शायद इंसान ही नहीं समझा जाता, तभी तो उसे होते हुए भी नज़रअंदाज करके ये सब हरकतें की जाती हैं ऑटो में....शीशे में नज़र डालने पर कितना शर्मसार हो जाता होगा ना वो.....बेचारा करे भी तो क्या......इन्हीं सब से बचने के लिए लिखी होगी ये लाइन.....

साभार
हमसफ़र यादों का.......

Ashok Pande said...

a more respectable way of executing things ...

माड्डाला मुनीस बाऊजी!

और रंगनाथ भाई, तुस्सी भी ग्रेट ओ! इस पोस्ट पर आई प्रतिक्रियाओं ने मौज ला दी!

मगर अभी इसे between the lines पूरा पढ़ा जाना बाक़ी है!

अजित वडनेरकर said...

मैं सिर्फ और सिर्फ ड्राइवर की संवेदनाओं के साथ हूं...

शरद कोकास said...

यह वाक्य जब आटो की बजाय घरों की दीवारों पर लिखा मिलेगा तब हम समझेंगे कि उत्तर आधुनिकता का समय आ गया है

अजित वडनेरकर said...

सचमुच मुनीश बेहतरीन सुझाव दे रहे थे और रंगनाथ "बाबूजी" ने भी खूब खुरपेच निकाला है...
दिन हो गया मस्त...कमबख्त रात काली करने के बाद ये लाइनें पढ़ना ही दिन का मस्त करना हुआ....
दिल वैसे भी बहुत दुखी है आज...ज़माना बेदर्द है...सब मतलबी हैं...चैन तो यहीं है...
रंगनाथ भाई, अपना फोन नंबर देने की कृपा करें और मुनीश भाई कृपा की यही अमृतवर्षा आप भी करें।

Udan Tashtari said...

आटो वाले के शोध ने प्रभावित किया.

Gyan Darpan said...

मैं भी ड्राइवर की संवेदनाओं के साथ हूं..

प्रवीण त्रिवेदी said...

खूब पकड़ा आपने।

कौतुक रमण said...

एक स्वस्थ व्यंग्य.

Rachna Singh said...

In between the lines ki baat karey to the option suggested by munish is very सस्ता which when translated in english becomes "cheap" though he meant economical . but in todays context its " LS" to be economical and "HS" if PDA

sameer_archy said...

are ye driver ne apne aap ko bhaeya kehne par aapattee darj karae hae. esme bhee confuson hae kya bhae logo

मुनीश ( munish ) said...

itz a mere suggestion Rachna , not necessarily being practised by me. I mean this way a lot of fuel can be saved on Delhi roads.

Rachna Singh said...

I mean this way a lot of fuel can be saved on Delhi roads.

see i interpreted you right munish
how economical !!!!!!!

and not many prcatice what they suggest !!!! either

Kisalaya said...

Achhi Soch hai ..

Kuch lines aur de raha hoon ..

Bhaieyon ki na hogi kabhi bhi kami
Pahle Chalna to seekho Bahan Ki tarah .

संजय बेंगाणी said...

ऑटो वाला अपनी खीज निकाल रहा है.

Ashok Pande said...

यहां भाई मुनीश के पच्छ में यह नाचीज़ इस तथ्य को उरियां करने की असमंजस में है कि बताया जाए या नहीं पर तो भी बताना अपना फ़रज समिज्ते हुए बतलाता हूं कि हम दोनों (माने नाचीज और मुनीस बाबू) सस्तापसन्द लोग हैं. मिसाल के तौर पर कुछेक दर्ज़न पोस्टों में से एक ये है: http://ramrotiaaloo.blogspot.com/2007/10/blog-post_1825.html.

ऑटो वाला कोई समाज सुधारक नहीं होता! न ही यह ज़माना समाज सुधारकों का रह गया है. ट्रक और ऑटो में लिखी पंक्तियां अन्यथा रूखी और बंजर महानगरीय जीवन में मानवीय रचनात्मक उर्वरता की अनूठी मिसालें होती हैं - जीवन के सबसे नज़दीक रहने की व्यवसायगत विवशताओं से उपजी होने के कारण.

केवल मौज के वास्ते लगाई गई इस फ़ोटू ने जितनी विविधतापूर्ण प्रतिक्रियाएं मुहैय्या करवाईं उस से मन हैय्या हैय्या हो गया.

सभी का आभार!

Rangnath Singh said...

priy ajit ji
humara no. h - 09999891854
e.mail.id - rangnathsingh@gmail.com

dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } said...

chritr aur rishto ka prahri

मुनीश ( munish ) said...

Hail Sasta Movement !Borchee baba zindabaad.

Ashok Pande said...

Borchee baba zindabaad

Priyanka Singh Mann said...

bahut badhiya

अनिल कान्त said...

dilchasp !!