वाह, क्या बात है, आटो के भीतर भी बदलता हुआ समाज झलकता है। आटो वाले बेहतर जानते हैं। किनारे लगे पर्दे बारिश से बचने के लिए, दिन में अंधेरा करने के लिए अधिक होते हैं। समाज में निजी पलों के लिए कम होती जगहों के कारण आटो बेहतर विकल्प बना है। कई प्रेमी कुछ घंटे तक आटो में घूमते रहते हैं। शायद उन्हीं अनुभवों से निकली होगी ये पंक्ति।
शर्मो लिहाज का ध्यान रखने की चेतावनी है ये । भला अपने भाई के साथ बैठ कर बाला इश्क कैसे लड़ा सकती है? लेकिन 'भैया' संबोधन का विकल्प क्या हो? 'ऑटो वाले' ? अच्छा नहीं लगता, कुछ और सुझाइए !
I do appreciate his sense of dignity.I think any gentleman would object to be called bhayya amidst incessant barrage of 'chumma-chaati' visible in the rear view mirror.
कुछ लोगों की प्रतिक्रियाएं देख यह स्पष्ट करना जरूरी हो गया है कि इस कमेंट में ड्राइवर ने खुद को भैया कहने पर एतराज जताया है। कोई भाई अपनी आटो में पीछली सीट पर बहन को उसके ब्वाॅयफ्रेण्ड के संग बैठा कर घुमाने में खुद को असमर्थ पाएगा। क्यांेकि संभवतः जिस संदर्भ में ड्राइवर ने यह बात लिखी है उसमें मामला सिर्फ भारत भ्रमण का नहीं है !! आखिरकार ड्राइवर की निजता और गरिमा का सम्मान करने का थोड़ा फर्ज तो उन बहनों का भी बनता है।
..and i can't understand as to why people don't simply buy rs.5/- each ticket to planetarium near teen murti chowk. there are star and planet shows of 25 min. each duration in a pitch dark audi. nice & fully reclining seats and nobody to bother . itz definitely a more respectable way of executing things for which people harass the poor autowallah!
ऑटोचालक को आज के लोगों की नज़र में शायद इंसान ही नहीं समझा जाता, तभी तो उसे होते हुए भी नज़रअंदाज करके ये सब हरकतें की जाती हैं ऑटो में....शीशे में नज़र डालने पर कितना शर्मसार हो जाता होगा ना वो.....बेचारा करे भी तो क्या......इन्हीं सब से बचने के लिए लिखी होगी ये लाइन.....
सचमुच मुनीश बेहतरीन सुझाव दे रहे थे और रंगनाथ "बाबूजी" ने भी खूब खुरपेच निकाला है... दिन हो गया मस्त...कमबख्त रात काली करने के बाद ये लाइनें पढ़ना ही दिन का मस्त करना हुआ.... दिल वैसे भी बहुत दुखी है आज...ज़माना बेदर्द है...सब मतलबी हैं...चैन तो यहीं है... रंगनाथ भाई, अपना फोन नंबर देने की कृपा करें और मुनीश भाई कृपा की यही अमृतवर्षा आप भी करें।
In between the lines ki baat karey to the option suggested by munish is very सस्ता which when translated in english becomes "cheap" though he meant economical . but in todays context its " LS" to be economical and "HS" if PDA
यहां भाई मुनीश के पच्छ में यह नाचीज़ इस तथ्य को उरियां करने की असमंजस में है कि बताया जाए या नहीं पर तो भी बताना अपना फ़रज समिज्ते हुए बतलाता हूं कि हम दोनों (माने नाचीज और मुनीस बाबू) सस्तापसन्द लोग हैं. मिसाल के तौर पर कुछेक दर्ज़न पोस्टों में से एक ये है: http://ramrotiaaloo.blogspot.com/2007/10/blog-post_1825.html.
ऑटो वाला कोई समाज सुधारक नहीं होता! न ही यह ज़माना समाज सुधारकों का रह गया है. ट्रक और ऑटो में लिखी पंक्तियां अन्यथा रूखी और बंजर महानगरीय जीवन में मानवीय रचनात्मक उर्वरता की अनूठी मिसालें होती हैं - जीवन के सबसे नज़दीक रहने की व्यवसायगत विवशताओं से उपजी होने के कारण.
केवल मौज के वास्ते लगाई गई इस फ़ोटू ने जितनी विविधतापूर्ण प्रतिक्रियाएं मुहैय्या करवाईं उस से मन हैय्या हैय्या हो गया.
41 comments:
सही है, जो है उसे कहने की हिम्मत भी रखो ना!
वाह, क्या बात है, आटो के भीतर भी बदलता हुआ समाज झलकता है। आटो वाले बेहतर जानते हैं।
किनारे लगे पर्दे बारिश से बचने के लिए, दिन में अंधेरा करने के लिए अधिक होते हैं। समाज में निजी पलों के लिए कम होती जगहों के कारण आटो बेहतर विकल्प बना है। कई प्रेमी कुछ घंटे तक आटो में घूमते रहते हैं। शायद उन्हीं अनुभवों से निकली होगी ये पंक्ति।
सही है।
शर्मो लिहाज का ध्यान रखने की चेतावनी है ये । भला अपने भाई के साथ बैठ कर बाला इश्क कैसे लड़ा सकती है? लेकिन 'भैया' संबोधन का विकल्प क्या हो?
'ऑटो वाले' ?
अच्छा नहीं लगता, कुछ और सुझाइए !
three people hve commented before me
2 belive that bhaiyaa is for the boy friend and third believes bhayiaa is for the auto driver
words change meaning when spoken out of context
and सही है, जो है उसे कहने की हिम्मत भी रखो ना! do boyfriends have that himmat that they can tell the girl dont call me bhaiya
सही है.. बेचारा ड्राइबर काहे कन्फ्युज़ हो..
अपने अनुभव के आधार पर लिख दिया होगा।.....लगता तो ऐसा ही है।
I do appreciate his sense of dignity.I think any gentleman would object to be called bhayya amidst incessant barrage of 'chumma-chaati' visible in the rear view mirror.
समाज मे चल रही गड़बड़ पर आटो वाले की पैनी नज़र को खूब पकड़ा आपने।
great wit !!
nt less than any bernard shaw
बढ़िया!!
क्या बात है...आटोचालक होकर भी रचनात्मकता छलक रही है. कहते हैं न कि कमल कीचड़ में ही खिलता है.
एक कहावत है....आप ने सुनी ही होगी...
‘दिन को भैया रात को सैंया’:)
जे तो बड़ी अच्छी फोटू लगाई अशोक भैया !
mast photo hai.. :)
कुछ लोगों की प्रतिक्रियाएं देख यह स्पष्ट करना जरूरी हो गया है कि इस कमेंट में ड्राइवर ने खुद को भैया कहने पर एतराज जताया है। कोई भाई अपनी आटो में पीछली सीट पर बहन को उसके ब्वाॅयफ्रेण्ड के संग बैठा कर घुमाने में खुद को असमर्थ पाएगा। क्यांेकि संभवतः जिस संदर्भ में ड्राइवर ने यह बात लिखी है उसमें मामला सिर्फ भारत भ्रमण का नहीं है !!
आखिरकार ड्राइवर की निजता और गरिमा का सम्मान करने का थोड़ा फर्ज तो उन बहनों का भी बनता है।
bahut hi behtareen...
..and i can't understand as to why people don't simply buy rs.5/- each ticket to planetarium near teen murti chowk. there are star and planet shows of 25 min. each duration in a pitch dark audi. nice & fully reclining seats and nobody to bother . itz definitely a more respectable way of executing things for which people harass the poor autowallah!
grt advice Munish ji !!
bt alas !, nt every body hv luck to be with MOON beneath planets n stars !!!
ऑटोचालक को आज के लोगों की नज़र में शायद इंसान ही नहीं समझा जाता, तभी तो उसे होते हुए भी नज़रअंदाज करके ये सब हरकतें की जाती हैं ऑटो में....शीशे में नज़र डालने पर कितना शर्मसार हो जाता होगा ना वो.....बेचारा करे भी तो क्या......इन्हीं सब से बचने के लिए लिखी होगी ये लाइन.....
साभार
हमसफ़र यादों का.......
a more respectable way of executing things ...
माड्डाला मुनीस बाऊजी!
और रंगनाथ भाई, तुस्सी भी ग्रेट ओ! इस पोस्ट पर आई प्रतिक्रियाओं ने मौज ला दी!
मगर अभी इसे between the lines पूरा पढ़ा जाना बाक़ी है!
मैं सिर्फ और सिर्फ ड्राइवर की संवेदनाओं के साथ हूं...
यह वाक्य जब आटो की बजाय घरों की दीवारों पर लिखा मिलेगा तब हम समझेंगे कि उत्तर आधुनिकता का समय आ गया है
सचमुच मुनीश बेहतरीन सुझाव दे रहे थे और रंगनाथ "बाबूजी" ने भी खूब खुरपेच निकाला है...
दिन हो गया मस्त...कमबख्त रात काली करने के बाद ये लाइनें पढ़ना ही दिन का मस्त करना हुआ....
दिल वैसे भी बहुत दुखी है आज...ज़माना बेदर्द है...सब मतलबी हैं...चैन तो यहीं है...
रंगनाथ भाई, अपना फोन नंबर देने की कृपा करें और मुनीश भाई कृपा की यही अमृतवर्षा आप भी करें।
आटो वाले के शोध ने प्रभावित किया.
मैं भी ड्राइवर की संवेदनाओं के साथ हूं..
खूब पकड़ा आपने।
एक स्वस्थ व्यंग्य.
In between the lines ki baat karey to the option suggested by munish is very सस्ता which when translated in english becomes "cheap" though he meant economical . but in todays context its " LS" to be economical and "HS" if PDA
are ye driver ne apne aap ko bhaeya kehne par aapattee darj karae hae. esme bhee confuson hae kya bhae logo
itz a mere suggestion Rachna , not necessarily being practised by me. I mean this way a lot of fuel can be saved on Delhi roads.
I mean this way a lot of fuel can be saved on Delhi roads.
see i interpreted you right munish
how economical !!!!!!!
and not many prcatice what they suggest !!!! either
Achhi Soch hai ..
Kuch lines aur de raha hoon ..
Bhaieyon ki na hogi kabhi bhi kami
Pahle Chalna to seekho Bahan Ki tarah .
ऑटो वाला अपनी खीज निकाल रहा है.
यहां भाई मुनीश के पच्छ में यह नाचीज़ इस तथ्य को उरियां करने की असमंजस में है कि बताया जाए या नहीं पर तो भी बताना अपना फ़रज समिज्ते हुए बतलाता हूं कि हम दोनों (माने नाचीज और मुनीस बाबू) सस्तापसन्द लोग हैं. मिसाल के तौर पर कुछेक दर्ज़न पोस्टों में से एक ये है: http://ramrotiaaloo.blogspot.com/2007/10/blog-post_1825.html.
ऑटो वाला कोई समाज सुधारक नहीं होता! न ही यह ज़माना समाज सुधारकों का रह गया है. ट्रक और ऑटो में लिखी पंक्तियां अन्यथा रूखी और बंजर महानगरीय जीवन में मानवीय रचनात्मक उर्वरता की अनूठी मिसालें होती हैं - जीवन के सबसे नज़दीक रहने की व्यवसायगत विवशताओं से उपजी होने के कारण.
केवल मौज के वास्ते लगाई गई इस फ़ोटू ने जितनी विविधतापूर्ण प्रतिक्रियाएं मुहैय्या करवाईं उस से मन हैय्या हैय्या हो गया.
सभी का आभार!
priy ajit ji
humara no. h - 09999891854
e.mail.id - rangnathsingh@gmail.com
chritr aur rishto ka prahri
Hail Sasta Movement !Borchee baba zindabaad.
Borchee baba zindabaad
bahut badhiya
dilchasp !!
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