Monday, June 15, 2009

परीकथा की लोकेशन यानी सौ पानियों वाला मकान

(पिछली पोस्ट से जारी)

हुनडर्टवासेरहाउस का निर्माण १९८३ से १९८६ के मध्य हुआ. इस इमारत के ५२ अपार्टमेन्ट्स सरकारी सहायता पर आश्रित लोगों के लिए बनाए जाने थे. जब फ़्राइडेन्सराइख़ हुनडर्टवासेर से इस भवन का नक्शा बनाने का अनुरोध किया गया तो यह कहते हुए कि वे एक और बदसूरत इमारत बनता नहीं देखना चाहते उन्होंने शर्त रखी कि उन पर कोई दबाव नहीं बनाया जाएगा. इसकी हामी मिलने पर ही उन्होंने काम चालू किया और यकीन मानिये इस अद्भुत शिल्प को बनाने के एवज में एक पैसा तक नहीं लिया.

हुनडर्टवासेरहाउस में कहीं भी समतल फ़र्श नहीं है. पचास से अधिक अपार्टमेन्ट वाले इस ब्लॉक के किसी भी कमरे किसी भी कोने का फ़र्श समतल नहीं है. कमरों के भीतर से उगते हुए पेड़ हैं, छत पर मिट्टी और घास है. हुनडर्टवासेर का मानना था कि अपार्टमेन्ट्स को बनाते समय आम तौर पर भविष्य में उन में रहने जा रहे लोगों के सौन्दर्यबोध का ध्यान नहीं रखा जाता. एक इन्टरव्यू में उन्होंने कहा था: "किराए के घर में रह रहे आदमी को इतनी सुविधा तो होनी ही चाहिए कि वह अपनी खिड़की से हाथ बाहर निकाल कर दीवार में लगी काई वगैरह को साफ़ कर सके. उसे यह सुविधा भी मुहैय्या करवाई जानी चाहिए कि वह एक लम्बा ब्रश लेकर अपने घर की बाहरी दीवारों को मनचाहे रंग में रंग सके. यह सब इसलिए ज़रूरी होता है कि दूर सड़क से कोई उसके घर को देखे तो कह सके कि हां जी उस घर में रहने वाला अपने तमाम पड़ोसियों से अलग किस्म का इन्सान है."

इस अजबगज़ब इमारत की हर खिड़की के बाहर अलग रंग है. किसी परीकथा की लोकेशन सरीखा यह भवन अपने सनसनीखेज़ डिज़ाइन के कारण इस कदर लोकप्रिय हुआ कि सरकारी सहायता पर आश्रित लोगों के लिए बनाए गए इसके अपार्टमेन्ट्स बाद में अमीर लोगों ने बहुत बड़ी कीमतों पर ख़रीदे.

फ़िलहाल आप वहां जाएं तो ग्राउन्ड फ़्लोर पर अवस्थित असमतल फ़र्श वाले एक शानदार रेस्त्रां में कॉफ़ी का मज़ा अवश्य लें. कुछेक अपार्टमेन्ट्स को अन्दर से देखा जा सकता है. कोई भी कमरा पूरी तरह आयताकार/वर्गाकार नहीं है. हुनडर्टवासेर कहते थे कि समतल फ़र्श तो आदमी ने बनाए. इसके पहले तो वह धरती पर ही चला करता था.

वे यह भी कहते थे कि अगर आप प्रकृति के बीच चल रहे हैं तो आप प्रकृति के मेहमान हैं और आपने सीखना चाहिए कि आपका व्यवहार एक ऐसे मेहमान का सा हो जिसकी परवरिश सभ्य लोगों के बीच हुई हो.

विएना शहर में कूड़े से बिजली बनाने का एक प्लान्ट है. इसका डिज़ाइन भी हुनडर्टवासेर ने तैयार किया था. यह भी एक पर्यटकस्थल बन चुका है. इसके बारे में फिर कभी, फिलहाल हुनडर्टवासेरहाउस की तस्वीरों का आनन्द लें.







3 comments:

मुनीश ( munish ) said...

fabulous !

ravindra vyas said...

बहुत दिलचस्प।

Rangnath Singh said...

unbelievable !!
adhbut creative personality se parich karvaya h aapne...

kabaadkhana ko aabhar