रोहित उमराव की खींची कुछ और मनोहारी तस्वीरें पेश हैं.
(हल्द्वानी में रहने वाले मेरे मित्र विशाल विनायक अभी अभी लेह की साहसिक यात्रा से वापस लौटे हैं और बहुत शानदार तस्वीरें लेकर आए हैं. जल्द ही उनके संग्रह से कुछ शानदार फ़ोटो देखिये.)
अशोक जी कुंवरजी कि आत्मकथा कि अंतिम पोस्ट पर ज्यों ही कमेन्ट करने वाला था मेरे नेट कि लाइट चली गयी थी अतः अपना कमेन्ट नहीं कर पाया. इसके लिए माफ़ करें. बाकि इस पोस्ट पर सारी तस्वीरें बढ़िया हैं पर पहली फोटो में दिख रहे लाल अंडे जहाँ तक मेरा ख्याल है लाल भेल वाली बुलबुल के हैं. घुघूती तो ऐसे अंडे नहीं देती.
6 comments:
अशोक जी कुंवरजी कि आत्मकथा कि अंतिम पोस्ट पर ज्यों ही कमेन्ट करने वाला था मेरे नेट कि लाइट चली गयी थी अतः अपना कमेन्ट नहीं कर पाया. इसके लिए माफ़ करें. बाकि इस पोस्ट पर सारी तस्वीरें बढ़िया हैं पर पहली फोटो में दिख रहे लाल अंडे जहाँ तक मेरा ख्याल है लाल भेल वाली बुलबुल के हैं. घुघूती तो ऐसे अंडे नहीं देती.
bahut hi khubsoorat photografs hai....
very good pics, must have been very effort taking.
बड़ी ही सुन्दर चित्रकारी।
सचमुच बहुत अच्छी है कैमरे की नजर।
gazab chitr..
Post a Comment