Thursday, September 30, 2010

मुझे तो हैरान कर गया वो

उर्दू ग़ज़ल की क्लासिकी परम्परा के बड़े गायकों में शुमार हबीब वली मोहम्मद साहब सुना रहे हैं नासिर काज़मी की एक मशहूर ग़ज़ल. दीगर है कि इस ग़ज़ल को ग़ुलाम अली और आशा भोंसले भी मेराज-ए-ग़ज़ल नामक अतिलोकप्रिय अल्बम में गा चुके हैं.

2 comments:

Udan Tashtari said...

गये दिनों का सुराग लेकर, किधर से आया किधर गया...

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मगर दिल पर अपनी छाप छोड़ गया..वाह!!

प्रवीण पाण्डेय said...

बड़े भावमयी सुन्दर बोल।