Thursday, September 30, 2010
मनवा सुर सों प्यार करिये, मनवा बेसुर की संगत न करिये
उस्ताद सलामत अली ख़ान साहेब की गई राग दरबारी में एक कम्पोज़ीशन. तबले पर हैं उस्ताद शौकत हुसैन और तबले पर उस्ताद नाज़िम अली
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