Sunday, December 12, 2010

स्मृति - पिता

पेंटिग यहाँ से साभार
(अशोक भाई के पिता के अवसान की दुखद ख़बर से गुज़रते हुए वीरेन डंगवाल के ताज़ा संकलन 'स्याही ताल' की पिता विषयक कवितायें याद आईं…इसके पहले कुछ दिनों पहले जब मेरे पिता भी एक भयावह दुर्घटना का शिक़ार हो अस्पताल में पड़े थे तो 'रुग्ण पिताजी' अक्सर याद आती रही…हमनाम दोस्त के पिता की स्मृति स्वरूप प्रस्तुत है इसी संकलन की एक कविता 'स्मृति पिता')

एक शून्य की परछाईं के भीतर
घूमता है एक और शून्य
पहिये की तरह
मगर कहीं न जाता हुआ।

फिरकी के भीतर घूमती
एक और फिरकी
शैशव के किसी मेले की।


(एक निवेदन - कबाड़खाना ब्लाग के प्रिय हमराहों क्या यह संभव है कि इस हफ़्ते हम शोक का सप्ताह चलने दें…वैसे भी यहाँ अब तक एक अलिखित नियम रहा है कि हम ख़ुद अपनी रचनायें पोस्ट करने से बचते हैं…इस ब्लाग की अर्थवत्ता तथा लोकप्रियता को बनाने तथा बढ़ाने में इसकी बड़ी भूमिका रही है)

17 comments:

Satish Saxena said...

आपके इस अंतहीन कष्ट में साथ हूँ अशोक भाई !!

The Serious Comedy Show. said...

shradhdhanjali.

Ek ziddi dhun said...

sach, mujhe bhi ye kvitaen yad aa rahee hain, kal se hi. ag the, apni the pita....

वंदना शुक्ला said...

श्रद्धांजलि !

Anonymous said...

श्रृद्धांजलि...

प्रवीण पाण्डेय said...

शैशव की याद कर उनके प्रेम को सम्मान दें।

Shalini kaushik said...

bhavpoorn shraddhanjali....

अजेय said...

mere pas shabd nahi hain..... tuhaara dukh halka karane ke liye. sach kah raha hoon . bahut khali hoon is ghaDi me......

आशुतोष पार्थेश्वर said...

नमन मेरा !

शरद कोकास said...

यह दुखद समाचार ... अशोक जी के पिता को श्रद्धांजलि ।

कडुवासच said...

... shraddhaanjali .................

sanjay patel said...

पिछले दो वर्षों में अशोक भाई बाबूजी को लेकर जूझते रहे. आपके स्वर से इस पूरी पीड़ा का अहसास हो रहा था. रूग्ण होने पर पिता पिता ही होते हैं और न रहने पर वे कुछ और ज़्यादा हो जाते हैं हमारे पास. हममें मौजूद अच्छाइयों का स्रोत तो वे ही होते हैं.....बस उसी गंध को कहीं भीतर महसूस करते रहियेगा...वे कहीं नहीं गये....आपके पास ही हैं अशोक भैया...हाँ उनकी अनुपस्थिति तो अपूरणीय है...उनकी पावन स्मृति को मेरे वंदन...आपके लिये समवेदना से भीगी कोर...

Krishna said...

My deepest condolences. may God give you strength to bear this loss.
Krishna Sinha
USA

बोधिसत्व said...

श्रद्धांजलि भाई पिता जी के लिए प्रार्थना कर रहा हूँ।

ghughutibasuti said...

श्रद्धांजली.अशोक ने अपने पिता की बहुत सेवा की और यही बात उन्हें दुःख सहने में सहायता करेगी.
घुघूती बासूती

गणेश जोशी said...

श्रद्धांजलि

अफ़लातून said...

उन्हें श्रद्धांजलि,अशोक भाई.