Monday, April 11, 2011

मोहे पनघट पे नन्दलाल छेड़ गयो रे और ग़ालिब और मीर


कम्पोज़ीशन पुरानी है. और बेहद मशहूर. मुग़ल-ए-आज़म में इसे लता मंगेशकर ने स्वर दिया था. इस पोस्ट में इसे गा रहे हैं उस्ताद ग़ज़ल गायक ख़ानसाहेब मेहदी हसन ख़ान. ध्यान लगा के सुनियेगा उस्ताद इस दुर्लभ प्रेशकश में मिर्ज़ा ग़ालिब और मीर तक़ी मीर की शायरी को भी पिरोते चलते हैं -






4 comments:

बाबुषा said...

वाह वाह सर , बड़े दूर की कौड़ी लाये हैं !

प्रवीण पाण्डेय said...

बेहतरीन आवाज।

विनय (Viney) said...

मेरे मन में खुशियां बिखेर गयो रे ...
हिला दिया अशोक भाई! जियो!

daanish said...

वाक़ई
बहुत ही दुर्लभ , नायब प्रस्तुति है
वाह वा !!