Thursday, May 5, 2011

कभी आप सब को भी ऐसा महसूस होता है ? - महान पॉल रोब्सन दोबारा -२


बेहद उदास कर देने वाली एक कम्पोजीशन।

आत्मा के किसी निविड़ कोने में सतत गूंजता सहस्त्राब्दियों पुराना एक विलाप।

घर के पिछवाड़े में रात भर जली छूट गई एक बत्ती* जो दिन भर जली रहती है: शाम के किसी बीहड़ पल वही भुला दी गई बत्ती आपकी ज़िन्दगी को यादों से अटा डालती है सारी चीज़ों को तहस-नहस करती हुई।

गायक हैं एक बार फिर महान पॉल रोब्सन
.
*(सन्दर्भ: येहूदा आमीखाई की कविता: 'किसी को भूलना')



Sometimes I feel like a motherless child
Sometimes I feel like a motherless child
Sometimes I feel like a motherless child

A long ways from home
A long ways from home
A long ways from home
A long ways from home

Sometimes I feel like I'm almost gone
Sometimes I feel like I'm almost gone
Sometimes I feel like I'm almost gone

A long ways from home
A long ways from home
A long ways from home
A long ways from home

3 comments:

बाबुषा said...

It makes me cry. Always.

प्रवीण पाण्डेय said...

बेहतरीन गीत।

अजेय said...

बहुत थोड़े मे कही गई बड़ी कविता. ऑडियो नही सुन पा रहा.