Monday, February 20, 2012

हे परमेश्वर, उसे बस यही एक तोहफा मत देना!


एक कथा शुरू हुई

विस्वावा शिम्बोर्स्का

एक शिशु के जन्म के लिए
कभी भी तैयार नहीं रहता संसार.

अभी हमारे जहाज़ विन्लैंड से वापस नहीं लौटे हैं.
अभी हमें सेंट गोटहार्ड दर्रे को पार करना बाक़ी है.
हमें योर के रेगिस्तान में चौकीदार को उल्लू बनाना है,
सीवरों से अपना रास्ता बनाते हुए पहुंचना है वारसा के केन्द्र तलक
सम्राट हैरल्ड बटरपेट तक पहुंचना है
और फौशे को मंत्री पद से बर्खास्त किए जाने का इंतजार करना है
केवल एकलपुल्को जा कर ही
हम नए सिरे से सफ़र शुरू कर सकते हैं.

हमारी पट्टियां,
माचिसें, हाइड्रोलिक प्रैस, तर्क और पानी खत्म हो चुके हैं
हमारे पास ट्रक भी नहीं हैं, न हमें उच्चाधिकारी का सहयोग मिला.
शेरिफ को रिश्वत में देने लायक तक नहीं यह मरियल घोड़ा.
तार्तारों के बंदी बनाए हुओं की कोई खबर नहीं.
जाड़ों के लिए हमें एक अधिक गर्म गुफा चाहिए होगी
और किसी ऐसे की जो हमारी भाषा बोल सके.

हमें नहीं मालूम निनेवे में हम किस पर यकीन करें
और क्या-क्या प्रतिबन्ध लगायेगा राजकुमार हम पर
दफ्तरों की फाइलों में पता नहीं किस-किस का नाम है.
लोग कह रहे हैं चार्ल्स,द हैमर कल सुबह हमला बोलने वाला है
ऐसे में हमें खुद को उनके हाथों सौंप देना चाहिए,
धर्म-परिवर्तन कर लेना चाहिए
दिखावा करना चाहिए कि हम उनके खलीफा को जानते हैं
और क्वाबे कबीले से हमारा कोई लेना-देना नहीं.

रोशनी करने का वक्त हो गया
जाबीएर्सो में दादी माँ को तार भेजा जाय
झोंपड़ी की चमड़े की रस्सियों की गांठें ढीली की जाएँ

ईश्वर करे आसान हो प्रसव
ईश्वर करे हमारा शिशु अच्छे से बड़ा हो
समय-समय उसे खुश होने देना
और भरने देना पाताल में कुलांचें.
उसका दिल हो मज़बूत
और जागृत उसका दिमाग
कि पहुंचे दूर-दूर.

लेकिन उतनी दूर नहीं
कि वह देखने लगे भविष्य में
हे परमेश्वर,
उसे बस यही एक
तोहफा मत देना!

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