Monday, December 24, 2012
बस के दुश्वार है हर काम का आसां होना
रफ़ी साहब के जन्मदिन पर उनकी मखमल आवाज़ में मिर्ज़ा ग़ालिब की ग़ज़ल पेश है –
1 comment:
Pratibha Katiyar
said...
Ahaaa!
December 24, 2012 at 10:55 PM
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1 comment:
Ahaaa!
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