क्रिकेट के शौकीन जानते हैं कि ओवल के मैदान पर अपने करियर की आख़िरी
टेस्ट पारी खेल रहे डॉन ब्रैडमैन फ़क़त दो गेंदें खेल सके थे. जब वे पिच पर पहुँचे तो
अँगरेज़ कप्तान नॉर्मन यार्डली ने अपने खिलाडियों को एक जगह इकठ्ठा कर क्रिकेट इतिहास
के महानतम बल्लेबाज़ को थ्री चीयर्स की सलामी दी थी, जो अब किंवदंतियों का हिस्सा
बन चुकी घटना है. और उसके बाद की दूसरी ही गेंद पर वे जीरो पर आउट हो गए. सो किस
कदर सनसनीखेज़ रहा होगा पहली गेंद पर खेला गया वह डिफेंसिव पुश?
जो भी हो, बीबीसी के कमेंट्री बॉक्स में ब्रैडमैन के मैदान पर आने का
वर्णन रेक्स एल्स्टन कर चुके थे और माइक जॉन आर्लट को सौंपा जा चुका था. ३४ साल उम्र
के युवा कमेंटेटर ने कुछ इस तरह इस ऐतिहासिक मौके पर कमेंट्री शुरू की: “ आयम नॉट
एज़ डैडली एज़ यू आर रेक्स, आई डोन्ट एक्स्पेक्ट टू गेट अ विकेट, बट इट्स रादर गुड
टू बी देयर व्हेन डॉन ब्रैडमैन कम्स इनटू बैट इन हिज़ लास्ट टेस्ट. एंड हेयर इज़
हॉलीज़ टू बोल टू हिम फ्रॉम स वॉक्सहॉल एंड. ही बोल्स, ब्रैडमैन गोज़ बैक अक्रॉस हिज़
विकेट, पुशेज़ द बॉल जेंटली इन द डायरेक्शन ऑफ़ द हाउसेज़ ऑफ़ पार्लियामेंट, व्हिच आर
बियॉन्ड मिड ऑफ. इट डज़ंट गो एज़ फार एज़ दैट,
मेयरली गोज़ टू वाटकिंस इन द सिली मिड ऑफ. नो रन.”
मैदान और उससे परे के दृश्यों और ध्वनियों को शब्दों की मदद से एक डिटेल्ड
तस्वीर का हिस्सा बना देने में जॉन आर्लट को महारत हासिल थी. एक दफा उन्होंने बीस
मिनट तक अपने चहेते श्रोताओं को बीस मिनट तक सिर्फ इस बात का ब्यौरा देते हुए बीस
मिनट तक बांधे रखा था कि पिच से कवर्स कैसे हटाये जा रहे हैं. उनकी इस कमेंट्री के
बारे में विख्यात कवि डायलन थॉमस ने लिखा था: “वह ऐसा था जैसे अंकल टॉम सुदूरतम
इलाकों में रहनेवाले आदिवासियों को नेविल कार्डस का लिखा कुछ बांच कर सुना रहे
हों.”
कई मायनों में उनकी आवाज़ टिपिकल बीबीसी आवाज़ नहीं थी. उनका लहजा बेहद
हैम्पशायर वाला था जिसे उनकी इसी अद्वितीयता को रेखानिक्त करने के लिए वे और भी
जोर से इस्तेमाल करते थे. परम्परावादियों, खासकर के रेक्स एल्स्टन को उनके साथ काम
करने में अच्छा खासा समय लगा. इसके अलावा वे हमेशा अपनी आत्मा से बोला करते थे और
प्रोफेशनलिज्म के कृत्रिम आवरण को उनकी संवेदनशील कमेंट्री के सामने पशेमां होना
पड़ता था.
ओवल में जब अगली गेंद में ब्रैडमैन क्लीन बोल्ड हुए, वे भी किसी और
व्यक्ति की तरह सदमे की हालत में आ गए थे. हज़ारों घरों में गूँज रही उनकी आवाज़ ने
इस सदमे को यूं बयान किया था: “हॉलीज़ पिचेज़ द बॉल अप स्लोली एंड ... ही’ज़ बोल्ड
... ब्रैडमैन बोल्ड हॉलीज़ ... नॉट ... एंड
व्हट यू से अंडर दीज़ सर्कमस्टान्सेज़? आई वंडर इफ़ यू सी दैट बॉल वेरी क्लीयरली इन
योर लास्ट टेस्ट इन इंग्लैण्ड, ऑन अ ग्राउंड व्हेयर यू हैव प्लेड सम ऑफ़ द बिगेस्ट
क्रिकेट इन योर लाइफ एंड व्हेयर द अपोज़िंग साइड हैज़ जस्ट स्टुड राउंड यू एंड गिवन
यू थ्री चीयर्स एंड द क्राउड हैज़ क्लैप्ड यू ऑल द वे टू द विकेट ... आई वंडर इफ़ यू
सी द बॉल एट ऑल.”
कमेंट्री का यह स्तर था जिसने हिस्ट्री ऑफ़ टेस्ट मैच स्पेशल में पॉल
कूपर को यह कहने पर विवश किया “ब्रायन जॉनस्टन जीवन थे जिसकी आत्मा आर्लट में थी.”
No comments:
Post a Comment