पिछले साल होली के
अवसर पर कबाड़ख़ाने में संजय चतुर्वेदी की कुछ पंक्तियाँ पोस्ट की गयी थीं. हालिया
राजनैतिक घटनाक्रम के सन्दर्भ में संजय जी ने उन्हीं को याद दिलाते हुए टिप्पणी की
है :
“अजीब
संयोग है कि पिछली होली पर मैंने जो चार लाइनें आपसे साझा की थीं - इस होली पर भी
श्याणे वीर बालकों का वही प्रहसन राष्ट्रीय मंच पर चल रहा है.
नई
राजनीति के कामयाब तमाशे के इस ग़ुज़श्ता साल को देखिए - और हैरान मत होइए.”
याद दिलाने के वास्ते संजय चतुर्वेदी रचित वही कवित्त पुनः
आपके वास्ते -
।। होली है ।।
भगत सिंह का फ़ोटो
दिखाए मदारी
बहुत क्रांतिकारी
बहुत क्रांतिकारी
बड़ी महफ़िलों में शहादत है जारी
बहुत क्रांतिकारी
बहुत क्रांतिकारी
सभी लोग साथी सभी
लोग दुश्मन
जहां काम निकले वहीं फेंक देना
ये किसपे गिरेगी
हुनर की सुपारी
बहुत क्रांतिकारी
बहुत क्रांतिकारी
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