Monday, June 8, 2009

सब ठाठ पड़ा रह जाएगा : हबीब तनवीर को श्रद्धांजलि



रायपुर (अब छत्तीसगढ़), में एक सितम्बर १९२१ को जन्मे देश के महानतम समकालीन नाटककारों में से एक हबीब अहमद ख़ान 'तनवीर' उर्फ़ हबीब तनवीर का आज सुबह करीब साढ़े छः बजे भोपाल में देहान्त हो गया.

हजरत बाबा नज़ीर अकबराबादी के जीवन पर आधारित उनका नाटक 'आगरा बाज़ार' किसी परिचय का मोहताज नहीं है. यही बात उनके एक और नाटक चरणदास चोर के बारे में कही जा सकती है.

कबाड़ख़ाने की तरफ़ से इस बड़े कलाकार को श्रद्धांजलि देता हुआ मैं उम्मीद करता हूं कि बहुत जल्द हबीब साहब पर एक ज़रूरी पोस्ट यहां देखने को मिलेगी.

16 comments:

समय चक्र said...

अभी अभी मैंने साधना न्यूज पर यह दुखद समाचार सुना है जानकर बड़ा दुःख हुआ .
ओमप्रकाश आदित्‍य जी, नीरज पुरी जी और लाड़सिंह गुर्जर जी को ब्‍लाग जगत के जबलपुर के सभी ब्लागर्स की ओर से श्रद्धांजलि,

समय चक्र said...

हबीब तनवीर जी को जबलपुर ब्लागर्स की और से श्रद्धांजलि . न जाने कौन सी घडी है कि आज कई कवियो और साहित्यकारों का निधन हो गया है जिससे साहित्यजगत को अपूरणीय क्षति हुई है .

मुनीश ( munish ) said...

Homage to the departed soul. I once played Guru in his play Charandas Chor.Not only did he possess a supreme command on dialects ,but also understood well the parts of India ignored by the rest of intelligentsia . It is an irreparable loss to the world of theater.May be the last one of the rare breed of pipe puffing, genuine Indian elites.

राजकुमार ग्वालानी said...

हबीब जी को हम भी अपने श्रृद्धा सुमन समर्पित करते हैं। हम भी उनके शहर के हैं और कुछ मौकों पर उनसे रूबरू होने का मौका मिला है। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे यही कामना करते हैं।

Rachna Singh said...

its a sad day for hindi lovers . so many deaths in one day .
Homage to the departed souls

विजयशंकर चतुर्वेदी said...

हज़ारों साल नरगिस अपनी बेनूरी पे रोती है
बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदावर पैदा.

अब ऐसे लोग कहाँ!

सुशील छौक्कर said...

ये हमारे दिलों में सदा रहेंगे।

Rangnath Singh said...
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Rangnath Singh said...

Habib Tanvir ko vinamra shraddhanjali

Rangnath Singh said...

Habib Tanvir ko vinamra shraddhanjali

Ek ziddi dhun said...

landmark personality

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

दुखद समाचार से मन सँतप्त है
ये कैसा हादसा हो गया ?
दीवगँत की आत्मा के लिये
सच्चे ह्रदय से प्रार्थना करते हुए,
श्रध्धा सुमन भेज रही हूँ
- लावण्या

Anonymous said...

हम भी अपने श्रृद्धा सुमन समर्पित करते हैं।
भगवान उनकी आत्मा को शांति दे

Satyendra Tripathi said...

हबीब जी पर इतने सारे लेख पढकर लगता है जैसे सभी उनके मरने की प्रतीक्षा कर रहे थे। मैने हिन्दी ब्लाग जगत को गूगल से सर्च किया तो इससे पहले हबीब जी पर एक पोस्ट भी नही दिखी। अपने अंतिम दिनो मे वे बहुत अकेले थे। यदि उनके जीते-जी उन पर इतना सब हम लिखते तो सही मायने मे उन्हे बहुत खुशी होती। अब तो लगता है कि लोग हबीब जी के लिये नही बल्कि अपने भले के लिये लिख रहे है।

satish aliya said...

khri khri itni bhi khri nhi hona chahiye ki betki ho jaye fijool ho jaye. habib sahab ke bare mein phle post nhi aayi hone ka ye matlab nhi hai ki koi apni shrdhanjli apne bhle ke liye post kr rha hai. ye har bat ko nkarne ka nzriya uchit nji lgta. maine bhi habib sahab ke bare me post bheji hai, ek aur bhejoonga, hal ho mein blog jagat mein aaya hoon.ykeen manite ye apne liye nhi habib sab ko shrdhanjli hai. bhai mere hum to kreeb do dask se akhwari dunia mein khoob naam prkasit ho chuka hai. dost ye jo log habib tanveer ji ke bare me post aa rhi hain, yhi to waqt hqi unke aane ka.

siddheshwar singh said...

उड़ गए फुलवा रह गई बास , नमन !