Saturday, September 8, 2012

साक्षरता दिवस पर विशेष - तू भी स्कूल खोल

अभी अभी पता लगा कि आज साक्षरता दिवस मनाये जाने का रिवाज़ है. विश्व में साक्षरता के महत्व को ध्यान में रखते हुए ही संयुक्त राष्ट्र के शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने १७ नवंबर, १९६५ को आठ सितंबर का दिन विश्व साक्षरता दिवस के लिए निर्धारित किया था.

अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस हमारे लिये अहम दिवस है, क्योंकि हमारे जीवन में शिक्षा का बहुत अधिक महत्त्व है. कुछ लोगों के लिए तो और भी ज्यादा. इब्ने इंशा (१९२७- १९७८) बता रहे हैं कैसे -



इल्म बड़ी दौलत है

तू भी स्कूल खोल .
इल्म पढ़ा .
फीस लगा .
दौलत कमा .
फ़ीस ही फ़ीस .
पढ़ाई के बीस .
बस के तीस .
यूनिफ़ार्म के चालीस .
खेलों के अलग .
वेरायटी प्रोग्राम के अलग .
पिकनिक के अलग .
लोगों के चीख़ने पर न जा .

दौलत कमा .
उससे और स्कूल खोल .
उनसे और दौलत कमा .
कमाए जा, कमाए जा .
अभी तो तू जवान है .
यह सिलसिला जारी है .
जब तक गंगा – जमना है .
पढ़ाई बड़ी अच्छी है .
पढ़ .
बहीखाता पढ़ .
टेलीफ़ोन डाइरेक्टरी पढ़ .
बैंक – असिसमेंट पढ़ .
ज़रूरते - रिश्ता के इश्तेहार पढ़ .
और कुछ मत पढ़ .

मीर और ग़ालिब मत पढ़ .
इकबाल और फैज़ मत पढ़ .
इब्ने इंशा को भी मत पढ़ .
वरना तेरा बड़ा पार न होगा .
और हममें से कोई नताइज़ का ज़िम्मेदार न होगा .

(इल्म - ज्ञान, नताइज़ का - परिणामों का)

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