एक
बोझ का बयान
-ताद्यूश
रूज़ेविच
वह
आया मेरे पास
और
बोला
तुम
नहीं हो ज़िम्मेदार
न
दुनिया के लिए न दुनिया के ख़ात्मे के
बोझ
उठाया जा चुका तुम्हारे कंधों से
चिड़ियों
और बच्चों जैसे हो तुम
खेलो
और
वे खेलते हैं
वे
भूल जाते हैं
कि
सांस लेने का संघर्ष है
आधुनिक
कविता
1 comment:
सुंदर !
Post a Comment