Tuesday, March 23, 2010

मैं घास हूँ



सरदार भगत सिंह और पाश, दोनों आज हॊ के दिन शहीद हुए थे. कविता शहीद अवतार सिंह पाश की है.

मैं घास हूँ
मैं आपके हर किए-धरे पर उग आऊंगा
बम फेंक दो चाहे विश्‍वविद्यालय पर
बना दो होस्‍टल को मलबे का ढेर
सुहागा फिरा दो भले ही हमारी झोपड़ियों पर
मुझे क्‍या करोगे
मैं तो घास हूँ हर चीज़ पर उग आऊंगा
बंगे को ढेर कर दो
संगरूर मिटा डालो
धूल में मिला दो लुधियाना ज़िला
मेरी हरियाली अपना काम करेगी...
दो साल... दस साल बाद
सवारियाँ फिर किसी कंडक्‍टर से पूछेंगी
यह कौन-सी जगह है
मुझे बरनाला उतार देना
जहाँ हरे घास का जंगल है
मैं घास हूँ, मैं अपना काम करूंगा
मैं आपके हर किए-धरे पर उग आऊंगा

14 comments:

shikha varshney said...

मैं घास हूँ, मैं अपना काम करूंगा
मैं आपके हर किए-धरे पर उग आऊंगा
wowww.कमाल का ख्याल है...शब्द नहीं मिल रहे हैं तारीफ के लिए

Unknown said...

इतनी घास न हो जाए
कि खरपतवार का रुप ले ले
बहुत नुकसान हो जाएगा भारत को
वैसे भी भारत विकास कर रहा है
विकास की राह न रोक दे आपकी ये घास...अच्छा लिखा है। लेकिन अब तो आदत है टिप्पणी देने की ।

प्रीतीश बारहठ said...

वाह लाजवाब तेवर है !

Ashok Kumar pandey said...

अशोक भाई…क्या यह महज़ संयोग है कि आज जनपक्ष पर मैने भी पाश की यही कविता लगाई है?या उस साझी ज़िद का सबूत?

Randhir Singh Suman said...

nice

मनोज कुमार said...

दो साल... दस साल बाद
सवारियाँ फिर किसी कंडक्‍टर से पूछेंगी
यह कौन-सी जगह है
मुझे बरनाला उतार देना
जहाँ हरे घास का जंगल है
मैं घास हूँ, मैं अपना काम करूंगा
मैं आपके हर किए-धरे पर उग आऊंगा
शब्द नहीं मिल रहे हैं तारीफ के लिए!

अमिताभ मीत said...

अशोक भाई शुक्रिया .... ये कविता कभी कहीं पढ़ी थी ..... आज फिर पढ़ के अच्छा लगा .....

मुनीश ( munish ) said...

Jai Bhagat Singh !I knew a little bit about Pash and his famous lines--
"Sab to khatarnak hunda hain, murda shanti naal bhar jana
Na hona tadap da sab sahan kar jana,gharan to nikal kam, te kam to ghar jana
Sab to khatarnak hunda hain, sadde supneya da mar jana"

But read this poem for first time here.

मुनीश ( munish ) said...

My tributes to the poet .

मुनीश ( munish ) said...

By the way i have often seen a Pash memorial library in Karnal(HR.)

संजय भास्‍कर said...

अशोक भाई शुक्रिया .... ये कविता कभी कहीं पढ़ी थी ..... आज फिर पढ़ के अच्छा लगा .....

iqbal abhimanyu said...

Facebook par is post ki link di hai. Asha hai aapko koi aapatti nahi hogi...
badhai.

शरद कोकास said...

आज के दिन पाश को भी याद करके आपने बहुत अच्छा काम किया है ।
शहीद भगत सिंह पर एक रपट यहाँ भी देखें
http://sharadakokas.blogspot.com

A M Ibrahim Ansari said...

Really you are right, I got it 7.5 years after you and still no words to praise the lines!