बर्नार्ड
कैथलिन का जन्म १९१९ में पेरिस में हुआ था. अपने समूचे जीवन भर उन्होंने अपने देश
विशेषतः अपने ननिहाल द्रोमे के लिए गहरे प्रेम को बरकरार रखा. १९९७ की गर्मियों
में उनके पूरे काम का एक रेट्रोस्पेकटिव म्यूज़ी दे वालेंसे द्वारा आयोजित किया
गया. इस रेट्रोस्पेकटिव में आए दर्शकों की संख्या ने सारे रेकॉर्ड्स को तोड़ डाला.
ऐसा ही एक रेट्रोस्पेकटिव आर्ट म्यूज़ियम ऑफ़ चाइना द्वारा कैथलिन के चालीस सालों के
काम को लेकर आयोजित हुआ. १७ अप्रैल २००४ को उनका निधन हो गया पर उनके काम की बड़ी
प्रदर्शनियां फ्रांस और दुनिया के अन्य देशों में लगती रही हैं. कैथलिन की पेंटिंग
की संवेदना उन्हें अपने समकालीनों से इस मायने में अलग करती है है कि उनके लिए पेंटिंग
एक कलाविधा कम एक प्रक्रिया ज़्यादा होती है. विशुद्ध ऊर्जा से भरपूर उनकी
पेंटिंग्स कला और जीवन की जीवंत सिंथेसिस का मिश्रण होती थीं और यही उनकी
अंतर्राष्ट्रीय प्रसिद्धि का रहस्य था. उनमें लैंडस्केप्स स्थिर नहीं होते न ही
मॉडल्स. कैथलिन एक उस्ताद लिथोग्राफ़र भी थे और तीस से भी अधिक सालों से उन्होंने
शागाल और पिकासो जैसे समकालीनों के साथ मॉर्ले एटीलियर में काम किया.
1 comment:
बहुत सुंदर जीवन के रंग ...सार्थक प्रयास आभार ।
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