Monday, February 15, 2010

कौन हैं माची तवारा



सन १९६२ में जन्मी और स्वाभाव से बेहद शर्मीली माची तवारा टोक्यो के एक स्कूल में अध्यापिका हैं. फ़क़त छब्बीस साल की आयु में उन्होंने अपना पहला कविता संग्रह छपवाया था ’सारादा किनेबी’ (यानी सैलैड एनीवर्सरी). जापान की पारम्परिक कविता का एक फ़ॉर्मेट है तन्का. तन्का में कुल इकत्तीस अक्षरों का इस्तेमाल किये जाने की इजाज़त होती है. माची की इस किताब को जापान में अपूर्व ख्याति हासिल हुई. आप यक़ीन मानिये इस किताब की कुल छः महीने में पच्चीस लाख से ज़्यादा प्रतियां बिक गईं. बाद में उनके अनुवादों की दुनिया भर में साठ लाख से ज़्यादा प्रतियां बिकीं.

आधुनिक समय में प्रेम आधुनिक समय के प्रेम को लेकर लिखी जाने वाली महानतम कविताएं लिख चुकने वाली माची आज जापान में एक सेलेब्रिटी का दर्ज़ा रखती हैं. उनकी सारी कविताएं एक प्रेमी को सम्बोधित हैं. आज आपका उनसे परिचय करवा रहा हूं उनकी केवल दो कविताओं से. बुरा मत मानियेगा. जल्दी ही उनकी कई सारी कविताएं लेकत हाज़िर होता हूं.



एक

"मैं तीस की उम्र में मर जाऊंगा" तुम कहते हो
और बदले में
मैं फ़ैसला करती हूं कि मैं नहीं मरूंगी तब तक

दो

हिरोशिमा की लोकभाषा में
तुम हमारे प्यार का मज़ाक उड़ा रहे हो
या क्या मैं उम्मीद कर रही हूं कि तुम ऐसा कर रहे हो

3 comments:

Yashwant Mehta "Yash" said...

माची तवारा के बारे में पहले भी सुन चुका हूँ
जल्द ही ढेर सारी कविताओं का अनुवाद लाईये
हम प्रतीक्षा में है

प्रज्ञा पांडेय said...

बहुत सुंदर है माची की रचनाएँ . और पढ़ायें

कविता रावत said...

माची तवारा के परिचय प्रस्तुति हेतु आभार!