Friday, July 2, 2010

आमार बेला जे जाए



आज से मैं किशोर कुमार के गाए रवीन्द्र संगीत की एक सीरीज़ शुरू कर रहा हूं.

6 comments:

आचार्य उदय said...

सुन्दर लेखन।

समयचक्र said...

किशोर कुमार के गाए रवीन्द्र संगीत की प्रस्तुति रोचक है .... आगे की प्रतीक्षा में ..

मुनीश ( munish ) said...

आमी खुद किशोर का फैन है लेकिन उसका कंठ बांगला नाहीं ...ओ हिंदी वाले जैसा थोड़ा अल्प- मिष्टी गान कोरे !

मुनीश ( munish ) said...

दादा ठाकोर का भव्य -छवि !

अजित वडनेरकर said...

मुनीश भाई की टिप्पणी दिलचस्प लगी।
पर यह प्रस्तुति अच्छी लगी।

प्रवीण पाण्डेय said...

सुन्दर गीत ।