Thursday, May 26, 2011

मैं कसम खाता हूं, मेरे भीतर शब्दों की कोई जादूगरी नहीं

पोलिश भाषा के बड़े कवि चेस्वाव मीवोश की दो और कविताएं


समर्पण

सुनो, तुम
जिन्हें मैं बचा न सका.
इस सादा बयान को समझने की कोशिश करो क्योंकि किसी और से मुझे शर्मिन्दगी होगी.
मैं कसम खाता हूं, मेरे भीतर शब्दों की कोई जादूगरी नहीं.
मैं तुमसे बात करता हूं जैसे कोई बादल या पेड़ करेगा ख़ामोशी से.

वही घातक था तुम्हारे लिए जिसने ताकत दी मुझे.
तुमने एक युग की विदाई को लिपझा दिया एक नए युग की शुरुआत से,
घृणा की प्रेरणा को काव्यात्मक सौन्दर्य से,
अन्धी ताकत को सम्पादित आकार से.

ये रही उथली पोलिश नदियों की घाटी. और एक विशालकाय पुल
सफ़ेद कोहरे में जाता हुआ. ये रहा एक टूटा शहर
और हवा फेंक रही है मूर्खों की चीखें तुम्हारी कब्र पर
जब मैं तुम से बात कर रहा हूं.

क्या है कविता जो
देशों और लोगों को न बचाए?
आधिकारिक झूठों के साथ एक सांठगांठ
नशेड़ियों का एक गीत, जिनके गले एक पल में काट डाले जाएंगे,
कॉलेज जाने वाली लड़कियों के लिए पाठ.
कि मुझे बग़ैर जाने अच्छी कविता चाहिए थी,
कि मैंने देर से उस के अकेले उद्देश्य को पाया,
इसमें और सिर्फ़ इसी में है मेरी मुक्ति.

लोग उड़ेला करते थे कब्रों पर मोटा अन्न या पोस्त के बीज
मृतकों को भोजन देने को जिन्होंने चिड़ियों का भेस धर कर आना था.
मैं यह किताब रख रहा हूं यहां तुम्हारे लिए, तुम जो एक बार जिए थे
ताकि अब तुम हमें मिलने आगे से न आया करो.

लोहार की दुकान

मुझे पसन्द आईं रस्सी से चलाई जाने वाली धौंकनियां
हाथ या पैर वाला एक पैडल - मुझे याद नहीं कौन सा था.
लेकिन वह फूंका जाना, और आग की लपट!
और आग में लोहे का एक टुकड़ा, चिमटियों से थामा हुआ,
लाल,
पीटा जाता हुआ हथौड़े से, मोड़ा गया घोड़े की नाल में,
फेंका गया पानी की बाल्टी में, छन्न-छन्न, भाप.

नालें पहनाने को बांधे गए घोड़े,
अपनी अयालें हिलाते हुए; और नदी किनारे घास
मरम्मत किए जाने की प्रतीक्षा में हलों की फालें, हथगाड़ियां, कुदालियां

प्रवेश पर, मिट्टी के फ़र्श पर मेरे नंगे पैर
यहां, गर्मी के थपेड़े; मेरे पीछे सफ़ेद बादल.
मैं देखता जाता हूं देखता जाता हूं. ऐसा लगता है मुझे इसी के लिए बुलाया गया था:
चीज़ों का गरिमागान करने को सिर्फ़ इसलिए कि वे हैं.

1 comment:

Neeraj said...

क्या है कविता जो
देशों और लोगों को न बचाए?



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