(यह पोस्ट खासतौर पर कबाड़ी भाई दिलीप मंडल के लिए, जिनके साथ हुए एक टेलीफोन वार्तालाप की वजह से यह सीरीज कबाड़खाने में शुरू हुई.)
कुछ तो
बात थी रीटा हेवर्थ में. याद कीजिये मशहूर फिल्म 'शॉशैंक रिडैम्पशन' को. उसके भीतर सब कुछ था. ब्रूकलिन से निकली वो छोटी सी लड़की जिसे उसके पिता ने खूब एक्सप्लॉइट किया था और
जिसे स्थाई रूप से अपना चेहरा और बाल बदलवाकर एक नयी पहचान बनाने पर विवश होना पड़ा
था, यकीनन हॉलीवुड के चंद करिश्माई व्यक्तित्वों में एक में कैसे तब्दील हुई, एक
दिलचस्प कहानी है. वह बेहद रूपवान और आकर्षक थी पर यह गुण तो सैकड़ों अभिनेत्रियों
में पाया जाता है, बल्कि फिल्मों में अभिनेत्री, मेरा मतलब है हीरोइन बनने के लिए
सबसे ज़रूरी माना जाता है. रीटा हेवर्थ की खूबी उनकी आँखों की आतुरता और उनकी चाल
की ऊर्जा में निहित थी – आप जब उन्हें स्क्रीन पर देखते हैं तो ऐसा लगता है जैसे
उनके साथ अभिनय कर रहे बाकी लोग नींद में चल रहे हों.
रीटा
हेवर्थ की कहानी में त्रासदी भी बहुत है – अपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि को जिस तरह
उन्होंने सार्वजनिक रूप से बदला वह तो बेहद तनावभर था ही, तमाम पुरुषों ने जिस तरह
उनका शोश्सं और दोहन किया और करना चाहा, उनके साथ भीड़ पाने की उसकी जद्दोजहद भी कम
दुखभरी नहीं रही. इस सीरीज की पहली पोस्ट में इनग्रिड बर्गमैन का ज़िक्र करता हूँ.
याद दिलाना चाहता हूँ कि १९४० के दशक में इनग्रिड की ख्याति उस समय के खासे
परम्परावादी अमेरिकी समाज में परिवार तोड़ने वाली स्त्री की बन गयी थी और उसकी
निंदा सीनेट तक में हुई थी. ठीक इसी समय रीटा हेवर्थ संसार को ठेंगा दिखाती हुई एक
ऐसे पुरुष के साथ जी रही थी जो उसका पति नहीं था और मुस्लिम था (उन दिनों तक
अमेरिकी समाज में ईसाई महिला का गैर-ईसाई से विवाह करना तक विवाद का विषय बनता
था.)
लेकिन
चूंकि यह मुस्लिम आदमी एक राजकुमार था और रीटा हेवर्थ जल्दी ही महारानी की
वास्तविक भूमिका निभाने वाली थी, जनता ने उनके इस ‘अपराध’ को माफ़ कर दिया. चूंकि
जनता ने इस स्त्री को बेहद कठिन दौर से गुज़रते देखा था, वह चाहती थी कि उसके साथ
बेहतर चीज़ें घटीं हों – वह खुश रहे, उसका परिवार हो, वह महारानी बने. इन सब
इच्छाओं के सामने ये छोटी छोटी बातें गौण थीं कि उसके सपनों का राजकुमार मुस्लिम
हो या कोई और.
लेकिन
राजशाही की यह चमक ज्यादा नहीं चल सकी. रीटा हेवर्थ आगे बढती गईं – कुछ ठीकठाक हिट
फ़िल्मों, कुछेक पतियों और अपेक्षाकृत गुमनाम ज़िन्दगी की तरफ़.
लेकिन
१९४० के आसपास का एक समय ऐसा भी था जब रीटा हेवर्थ समूचे अमेरिका की आँखों का नूर
थी.
रीटा
हेवर्थ के स्पानी पिता एदुआर्दो एक डांसर थे जबकि उनकी माँ वोल्गा एक कोरस गर्ल
थीं. जन्म के बाद इस बच्ची का मान मार्गारिता कारमेन कान्सीनो रखा गया था. उनके दादाजी
को १९३० के दशक में अमेरिका में स्पेनिश नृत्य बोलेरो को लोकप्रिय बनाने में निभाई
गयी बड़ी भूमिका के लिए जाना जाता है.
तीन साल की आयु से ही दादाजी ने इस नन्ही
लडकी को नृत्य के पहले पाठ पढ़ाना शुरू कर दिया था.
उसके
बाद से रीटा हेवर्थ की नृत्य की ट्रेनिंग लगातार चलती रही. जब वे आठ साल की थीं,
उनका परिवार हॉलीवुड चला आया. उनके पिता ने वहां बड़े स्टार्स को प्रशिक्षित करना
शुरू किया. लेकिन उन्हीं दिनों अमेरिका में आर्थिक मंदी का दौर चला जिसने हॉलीवुड
को अन्दर और बाहर दोनों तरफ से जकड़ लिया. नृत्य का प्रशिक्षण लेना विलासिता का
सामान बन गया. लेकिन एदुआर्दो कान्सीनो के पास एक योजना थी – वे अपनी बेटी को अपना
डांसिंग पार्टनर बना कर तिजुआना क्लबों में ‘द डांसिंग कान्सीनोज़’ की टीम का जलवा
करना चाहते थे. यह अलग बात है कि इस पूरी व्यवस्था में लोगों को ऐसा लगता रहा कि
वे दोनों पति-पत्नी हैं – यह शो बेहद हिट रहा और खूब फायदे का सौदा. चीज़ें तब बदलीं
जब फॉक्स स्टूडियो के एक प्रतिभा-खोजी ने इन्हीं तिजुआना नाईट क्लबों में से एक
में इस लडकी को ‘देखा’ और उसके साथ छः महीने का अनुबंध कर लिया – मार्गारिता ने
रीटा काउन्सेलो के नाम से दस्तखत किये.
लेकिन
यह कोई उल्लेखनीय अनुभव नहीं रहा. अनुबंध के छः महीनों के दौरान रीटा ने कुछेक
फिल्मों में बहुत छोटे-छोटे रोल किये और अवधि पूरी हो जाने पर उन्हें बाहर का
रास्ता दिखा दिया गया. वे कुल 18 साल की थीं जब अपने पिता की आयु के एडवर्ड जुडसन
के साथ उन्होंने टेक्सस जाने का फैसला किया जहां जुडसन की मदद से उन्हें फिर से
कुछेक घटिया रोल मिले. अंततः १९३७ में कोलंबिया पिक्चर्स ने उन्हें स्क्रीन टेस्ट
के लिए बुलाया जिसके बाद उनके साथ सात साल का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया गया. लेकिन इसके बावजूद रीटा
काउन्सेलो को लैटिन अमेरिकी लड़कियों की भीड़ में ही रखा और देखा गया. दरअसल उस समय
कोलंबिया पिक्चर्स को अपने प्रतिद्वंद्वी एमजीएम की टक्कर के लिए एक नये स्टार की
तलाश थी. रीटा काउन्सेलो को ऐसी स्टार में बदलने के लिए बहुत मेहनत की जानी थी.
आप किसी
लैटिन अमेरिकी सुन्दरी को दोबारा से कैसे सुन्दर बना सकते हैं? उसके ‘विडोज़ पीक’
को हटाइये, उसके काले बालों को बदल दीजिये. बस. महीनों तक रीटा अकेलेपन में रहीं
जब उनकी हेयर इलेक्ट्रोलिसिस चल रही थी – जलते हुए लाल रंग के बालों वाली यह आकर्षक
स्त्री उसके बाद रीटा हेवर्थ बनाकर जब निकली तो हॉलीवुड के इतिहास में एक हलचल
हुई.
ये रहीं
हेयर इलेक्ट्रोलिसिस के पहले की रीटा काउन्सेलो उर्फ़ मार्गारिता कारमेन कान्सीनो –
और ये
रीटा हेवर्थ –
'शॉशैंक रिडैम्पशन' से एक दृश्य :
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