Wednesday, July 1, 2015

दीएगो मारादोना पर फ़िल्म – क्रांतिकारी, फुटबॉलर, मनुष्य, ईश्वर, पारिवारिक इंसान, ड्रग-एडिक्ट और मिथक

होरहे लुई बोर्हेस ने एक बार लिखा था कि अर्जेंटीना के लोग उन्हें बंदरगाहों में लंगर से बंधी नावों की याद दिलाते हैं. यह अलग बात है कि ऐसा लिखते समय इस शानदार लेखक ने दिएगो मारादोना के बारे में सोचा ही नहीं होगा. एल दिएगो अपनी माता के लंगर से सिर्फ अपने जन्म तक ही बंधे रहे थे. उसके बाद से ही वे एक ऐसी नाव जैसे दिखाते रहे जिसकी डेक पर कभी कोई रस्सी नज़र नहीं आई. दिएगो आसानी से मेरी पहली फिल्म ‘डू यू रिमेम्बर डॉली बेल’ के नायक हो सकते थे और सारायेवो का वह क़स्बा गोर्सिया आसानी से बूएनोस आयरेस का फीयोरीतो हो सकता था
            
            – फिल्म की स्क्रिप्ट से                           


ये हैं दीएगो मारादोना – क्रांतिकारी, फुटबॉलर, मनुष्य, ईश्वर, पारिवारिक इंसान, ड्रग-एडिक्ट और मिथक – दो बार के पाल्मे दोर अवार्ड से सम्मानित फिल्मकार एमिर कुस्तुरिका के मारादोना. विख्यात निर्देशक एमिर कुस्तुरिका अपनी इस डॉक्यूमेंट्री में फुटबॉल के आधुनिक मिथक बन चुके दीएगो मारादोना की कहानी की तलाश करते हैं. फिल्म में मानू चाओ और सेक्स पिस्टल्स ने संगीत दिया है.



मारादोना की ख्याति एक जनपक्षधर नायक की रही है जो बहुत निर्धन पृष्ठभूमि से निकलकर विश्वविख्यात सितारा बना और जिसने तमाम दुश्वारियों का सामना करने के बाद एक जीवित महानायक का क़द हासिल किया. फिल्म के आगे बढ़ने के साथ साथ निर्देशक और फिल्म के विषय अर्थात दीएगो मारादोना में नज़दीकी बढ़ती जाती है और दीएगो अपने जीवन के उन तथ्यों से आपको रूबरू कराते हैं जिनके बारे में बहुत ज़्यादा मालूमात लोगों को नहीं हैं. फिल्म में आप उन सारी जगहों पर जाते हैं जो दीएगो मारादोना को प्रिय हैं और आपकी समझ में आने लगता है कि किस तरह इस फुटबॉलर के निर्माण में उसके परिवेश का योगदान रहा है. उसके सबसे करीबी लोगों से बात करने के बाद आपको इस रंगबिरंगे व्यक्तित्व की एक बेहद अन्तरंग झलक मिलती है.




क्यूबा के जननेता फिदेल कास्त्रो के साथ का वार्तालाप इस बात को रेखांकित करता है कि किस तरह मारादोना से बात करते समय दुनिया के सबसे बड़ी हस्तियाँ तक झेंप महसूस करने लगती हैं. ‘ब्लैक कैट व्हाईट कैट’ के बाद यह संभवतः कुस्तुरिका की फॉर्म के लिहाज़ से सबसे अभिव्यक्तिपूर्ण और कथ्य के हिसाब से सबसे रेडिकल फिल्म है जिसमें उन्होंने दीएगो मारादोना को न सिर्फ एक उस्ताद खिलाड़ी की तरह चित्रित किया है, वे मारादोना के भीतर का एक ऐसा मनुष्य सामने लाने में सफल रहे हैं जो राजनैतिक रूप से अतीव सजग और सचेत है. 
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साल: 2006
विधा: डॉक्यूमेंट्री 
निर्देशक: एमिर कुस्तुरिका
स्क्रीनप्ले: एमिर कुस्तुरिका
कास्ट:दिएगो मारादोना
सिनेमेटोग्राफी: रोलो पल्पीरो
फिल्म एडिटिंग: स्वेतोलिक म्लीका जाच
प्रोडक्शन: पेंटाग्रामा फ़िल्म्स, टेलीसिंको सिनेमा, फिदेलिते फ़िल्म्स, वाइल्ड बंच प्रोडक्शन्स 

डिस्ट्रीब्यूटर: वाइल्ड बंच 

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