Friday, November 23, 2007

एक नई पोस्ट जो लपूझन्ना पर लिखी जानी है, के लिये फ़ोटो

अशोक कबाड़ीदादू ने वादा किया है कि वो लपूझन्ना पर क्रिकेट की यादें वाया रामनगर लिखेंगे.
उस पोस्ट के लिये फ़ोटो हाज़िर है.

4 comments:

siddheshwar singh said...

किरकिट खेलें बाल गुपाल
ऐसा लगा दिमाग बुरा हो बड़े-बड़ों का हाल
जो कुछ पाया उसी चीज से रच डाला जंजाल
आज मेरे इरफान ददा ने चेंपा उम्दा माल
जय हो ! जय हो प्यारे द्दादा तुम हो बेमिस्साल !!

दीपा पाठक said...

हा..... हा.....इतनी मेहनत से जमाए गए विकेट को गिराने में तो बालर को भी बुरा लगेगा।

Dinesh Semwal said...

Irfan bhai teesri godi ki ak chappal bats man nay pahnee hai ki non striker end par hai???

dinesh semwal

आशीष said...

hindustani kirkit piremi ke DNA ka design hai bhai kabadiyo!!