Sunday, August 22, 2010

लोकगायक गिर्दा का देहावसान




उत्तराखण्ड के विख्यात क्रान्तिधर्मी लोकगायक गिर्दा का कुछ क्षण पहले देहावसान हो गया.

उनके अथक रचनाकर्म को हमारा सलाम और उनके परिजनों, मित्रों को गहरी सहानुभूति.

दुःख की इस घड़ी में इस से अधिक क्या कहा जा सकता है,

9 comments:

विजय गौड़ said...

yah dukhad khabar kuchh hi der pahale bhai Rajesh saklani ne phone se di thi use confirm karne ke liye hi ANUNAD aur KABADKHANA tak pahuncha hu.salaam is lok kavi. unki smrityon ko fir share karunga.

राजेश उत्‍साही said...

गिर्दा का न होना किसी पहाड़ के न होने के बराबर है। सलाम उन्‍हें लाखों सलाम।

दीपा पाठक said...

बहुत ही बुरी खबर! शब्द नहीं हैं दुख व्यक्त करने के लिए। पहाड़ के लिए गिर्दा के मायने कितने गहरे कितने फैले हुए थे, फिलहाल तो इसका आकलन करने में ही समय लगेगा। उनकी कमी नैनीताल के सांस्कृतिक-सामाजिक और राजनीति में किस कदर महसूस की जाएगी, कोई बाहर वाला उसका अंदाज़ा भी नहीं लगा सकता। श्रद्धांजलि और क्या बस...

A.K.Arun,M.D.(Hom.) said...

Behad Dukhad Khaber.Pahar hi nahin Desh aur Dunia ke Janwadi Samaj aur Logon ke liye bahut bari chati hai Girda ka chale jana. Hamari Shradhanjali aur samwedna Girda pariwar ke liye.-- Dr.A.k.Arun,Editor-Yuva Samvad,New Delhi.

A.K.Arun,M.D.(Hom.) said...

Dukhad,behad dukhad khaber hai com. Girda ka chale jana.pahar hi nahin duniya ke samajwadi jamat ke liye yah bahut badi chati hai.hamari shradhanjali....
Dr.A.k.Arun,Editor-Yuva Samvad,New Delhi

Kapil said...

इस लोकगायक को हार्दिक श्रद्धांजलि।

VICHAAR SHOONYA said...

गिरदा को मेरी श्रद्धांजलि.

VICHAAR SHOONYA said...

गिरदा को मेरी श्रद्धांजलि.

Anonymous said...

मेरी श्रद्धांजलि