Wednesday, September 22, 2010

सखियां वा घर सबसे न्यारा



आशा करता हूं कबीरदास जी के भजनों की श्रृंखला आप को पसन्द आ रही होगी.

आज उसी सीरीज़ में प्रस्तुत है कबीरदास जी का एक और भजन पण्डित कुमार गन्धर्व जी की अमर आवाज़ में:

2 comments:

माधव( Madhav) said...

nice

abcd said...

अद्भुत....अद्वितिय.....दुर्लभ/