Saturday, October 9, 2010

नदिया किनारे मोरो गांव



राग मिश्र पीलू में अफ़रोज़ बानो से सुनिये एक शानदार ठुमरी:

4 comments:

Arvind Mishra said...

राग पीलू एक अद्भुत राग है कभी अवसाद को तो कभी आनंद को कुरेदता है ..बेहतरीन ठुमरी ..शुक्रिया अशोक जी ...

दीपक बाबा said...

आभार........

बढिया लगा ... हालाँकि राग कि बिलकुल समझ नहीं है.

daanish said...

A A N A N D ... !!

शरद कोकास said...

अच्छा लगा ।