Monday, July 11, 2011

आज का दिन शिव बटालवी के नाम - 2


ग़मां दी रात लम्मी ऐ ...

यानी ग़मों की रात ज़्यादा लम्बी है या मेरे गीत. न ये मनहूस रात ख़त्म होती है न मेरे गीत. ... अविस्मरणीय रचना. गायक हंसराज हंस



(फ़ोटो: शिव कुमार बटालवी का घर. बैंगनी लिबास में उनकी शरीक-ए-हयात)

1 comment:

परमेन्द्र सिंह said...

बेहतरीन रचनाएँ ! भाई अशोक, आप जानते ही होंगे कि जगजीत सिंह-चित्रा सिंह ने भी शिवकुमार बटालवी की रचनाओं पर आधारित एक एल्बम ‘बिरहा दा सुल्तान’ निकाला था। वह भी विलक्षण है।