Friday, July 1, 2011

मेघ मेघ


पंडित गोकुलोत्सव महाराज की आवाज़ में कल आपने राग मियां की मल्हार का लुत्फ़ उठाया था. आज सुनिये उनकी ही आवाज़ में राग मेघ. बेहतरीन कम्पोज़ीशन है. मौज की गारन्टी.-

4 comments:

पारुल "पुखराज" said...

"घनन घुमड़ घन छावो बदरवा "
आस का रंग ..प्यास का रंग
तृप्ति का ...पुकार का ..

मेघ ही मेघ

मोहक

आभार

Pratibha Katiyar said...

shukriya!

प्रवीण पाण्डेय said...

आज भी कल जैसा ही विस्तृत आनन्द आया।

Yogi Arwind, Rishikesh said...

Aaj ke anand ki jai ho!
Ati Sunder...