हीर के गाँव झंग में हीर और रांझे की साझी कब्र |
रांझण ढूंढन मैं चली मैंनू रांझण मिलिया ना
रब मिलिया रांझा ना मिलिया
रब रांझे वरगा ना
(मैं रांझा ढूँढ़ने निकली तो वो मिला नहीं. भगवान मिल गया पर रांझा नहीं मिला. अफ़सोस भगवान भी रांझे जैसा नहीं है)
यह पोस्ट अपने प्रिय संगीतकार मित्र रवि जोशी के नाम -
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