Wednesday, September 2, 2009

बंजारों का संगीत : एक




आपकी ख़िदमत में पेश हैं रूमानिया और हंगरी के बंजारों के पारम्परिक गीत.

पहली प्रस्तुति है १९६५ में जन्मे रोबी लाकातोस नामक अतिविख्यात बंजारे वॉयलिनवादक की. बुडापेस्ट की बेला बारतोक कन्ज़रवेटरी से संगीत की औपचारिक शिक्षा प्राप्त रोबी का परिवार हंगरी के बंजारे वॉयलिनवादकों की सुदीर्घ परम्परा से जुड़े परिवार से तल्लुक रखते हैं.



यहां से डाउनलोड करें:

http://www.divshare.com/download/8371615-f27

दूसरी प्रस्तुति है रूमानिया के तराफ़ुल-दिन-बाइया नामक जिप्सी बैन्ड की. ग्रामीण रूमानिया का कोई भी वैवाहिक अनुष्ठान इस संगीत के बग़ैर पूरा नहीं माना जाता. ट्रान्सिल्वैनिया में गाया जाने वाला यह गीत 'त्रेक तिगानी' यानी 'गुज़र रहे हैं बंजारे' यूरोप के एक हिस्से में कल्ट की सी अहमियत रखता है.



यहां से डाउनलोड करें:

http://www.divshare.com/download/8371616-0d8

इस संग्रह से दो राजस्थानी हिस्से मैं पहले आपको सुनवा चुका हूं

3 comments:

admin said...

Laajawaab sangeet.
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }

मुनीश ( munish ) said...

Gypsies are said to have a common culture throughout the world . Music reminds me of a movie 'Gypsy camp vanishes into the blue' which i saw at a shabby theatre in Gurgaon long ago when people used to watch English movies for some adult scenes .I also went with the same intention but it was a highly emotional film with some oddly interpolated clips from some 'neeli pichchar'.

सुशील छौक्कर said...

जी खुश हो गया जी।