Thursday, May 20, 2010

तुरिया तुरिया जा फ़रीदा



उस्ताद नुसरत फ़तेह अली ख़ान साहब की आवाज़ में बाबा फ़रीद का एक सबद सुनिये

3 comments:

कुमार राधारमण said...

नुसरत साहब अद्वितीय रूप से प्रतिभाशाली थे। जितना भी किया,यादगार है।

SANJEEV RANA said...

बहुत सुंदर

बाबुषा said...

रुखी सूखी खा के ठंडा पाणी पी
वेखा पराई चौपा .दी ना तरसईये जी
फरीदा तुरिया तुरिया जा !
अहा !