Tuesday, May 24, 2011

कविता पर चेस्वाव मीवोश के विचार


पोलैण्ड के महाकवि चेस्वाव मीवोश (सही उच्चारण सुनने के लिए यहां जाएं)पिछली शताब्दी के बड़े कवियों में शुमार लिए जाते हैं. एक जगह उन्होंने कहा है: " ऐसा नहीं है कि मैं ईश्वर या कोई महानयक होना चाहता हूं. बस एक पेड़ में बदलने की चाहत है, पीढ़ियों तक बड़ा होते जाने की, बिना किसी को कोई नुकसान पहुंचाए."

देखिए कविता के बारे में कितनी आसानी से वे अपनी बात कहते हैं:

"कविता का उद्देश्य हमें यह याद दिलाना होता है कि एक ही व्यक्ति बने रहना कितना मुश्किल होता है, क्योंकि हमारा घर खुला हुआ है, दरवाज़ों में कोई ताले नहीं हैं और अदृश्य मेहमान अपनी इच्छा के मुताबिक उनमें से आ-जा सकते हैं."

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