Thursday, June 12, 2008

बारिश में क्या तन्हा भीगना लड़की !



बहुत कम आयु में इस दुनिया से चली गईं परवीन शाकिर. एक कार हादसे में मौत के वक़्त वे अपने कैरियर के उरूज पर थीं और उनकी उम्र थी मात्र बयालीस साल. पाकिस्तान की नई पीढ़ी के कवयित्रियों की अग्रणी पांत में शुमार की जाने वाली परवीन ने मोहब्बत में दग़ा पाई स्त्री को अपने सुख़न का हिस्सा बनाया. उसके यहां यह स्त्री कोई विरहिणी नायिका नहीं होती; वह तो टूट जाने के बावजूद आत्मसम्मान से भरपूर है.

कैशोर्य से भरपूर नैसर्गिक रोमांटिसिज़्म और सेन्सुअलिटी से महकती परवीन की शायरी पूरी तरह से इस दुनिया की शायरी है. यह मानवीय कमज़ोरियों और फ़तह की शायरी है. एक शेर देखिये:

"वो कहीं भी गया, लौटा तो मेरे पास आया
बस यही बात है अच्छी मेरे हरजाई की "

बारिश और पानी परवीन की पसंदीदा थीम्स हैं. इन्हीं पर प्रस्तुत हैं परवीन शाकिर की तीन बहुत छोटी छोटी नज़्में:

मौसम

चिड़िया पूरी तरह भीग चुकी है
और दरख़्त भी पत्ता पत्ता टपक रहा है
घोंसला कब का बिखर चुका है
चिड़िया फिर भी चहक रही है
अंग अंग से बोल रही है
इस मौसम में भीगते रहना
कितना अच्छा लगता है

फ़ोन

मैं क्यों उसको फ़ोन करूं
उसके भी तो इल्म में होगा
कल शब
मौसम की पहली बारिश थी

बारिश

बारिश में क्या तन्हा भीगना लड़की !
उसे बुला जिसकी चाहत में
तेरा तन-मन भीगा है
प्यार की बारिश से बढ़कर क्या बारिश होगी !
और जब इस बारिश के बाद
हिज्र की पहली धूप खिलेगी
तुझ पर रंग के इस्म खुलेंगे ।

5 comments:

Unknown said...

अशोक जी,
परवीन शाकिर की तस्वीर पहली बार आपके सौजन्य से देखने का अवसर मिला |
सुंदर शब्दों को लिखनें वाला दर्शनीय व्यक्तित्व देखकर आनंद आया |
आपके चयन किए अंग्रेज़ी गीत भी सुने और सराहे जा रहें हैं |

deepak sanguri said...

phichale dino poster kavita ki bat chal padi kabadkhane mai...

muje yaad hai मैं क्यों उसको फ़ोन करूं
उसके भी तो इल्म में होगा
कल शब
मौसम की पहली बारिश थी ka poster banaya tha aapne..
bhaut khoob.. khus kitta...

नीलिमा सुखीजा अरोड़ा said...

अशोकजी बेहद खूबसूरत कविताएं पढवाई आपने इसका शुक्रिया। यूं तो मैं आपके द्वारा सुनवाए गए संगीत की भी पैन हूं लेकिन कम ही सुनना हो पाता है मेरे लैपटाप पर नेट की स्पीड काफी धीमी है और आफिस में स्पीकर कहां।

anurag vats said...

abhi jb in kavitaon ko padh raha hu to bahar barish hi ho rahi hai...shayad ab bhetar bhi...

Unknown said...

ये भी मुमकिन है कि
इस बारिश ने उसे इतना न भिगोया हो जितना कि मुझे.